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गुणों से पहचान

189 View

Google जाते जाते साल में एक सितारा चला गया, जिसको सच्चा देश प्रेम है उसके यहां मातम छा गया। कैसे मनाऊं आने वाले साल की खुशियां यह दिसंबर न जाने हमारे देश के कितने नौजवानों को खा गया। ©Adv Sony Khan

#Manmohan_Singh_Dies #जयपुर #विचार  Google जाते जाते साल में एक सितारा चला गया,
जिसको सच्चा देश प्रेम है उसके यहां मातम छा गया।
कैसे मनाऊं आने वाले साल की खुशियां 
यह दिसंबर न जाने हमारे देश के कितने  नौजवानों को खा गया।

©Adv Sony Khan

#Manmohan_Singh_Dies #जयपुर @Adhuri Hayat Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" @Tarannum Sana @Sethi Ji विवेक ठाकुर 'शाद' आज का विचार

12 Love

#वीडियो #जयपुर

#जयपुर में भयंकर हादसा

144 View

Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena

#शायरी #Book  Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena

#Book दिल से

23 Love

White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha

White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ

#जख्म  White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

15 Love

गुणों से पहचान

189 View

Google जाते जाते साल में एक सितारा चला गया, जिसको सच्चा देश प्रेम है उसके यहां मातम छा गया। कैसे मनाऊं आने वाले साल की खुशियां यह दिसंबर न जाने हमारे देश के कितने नौजवानों को खा गया। ©Adv Sony Khan

#Manmohan_Singh_Dies #जयपुर #विचार  Google जाते जाते साल में एक सितारा चला गया,
जिसको सच्चा देश प्रेम है उसके यहां मातम छा गया।
कैसे मनाऊं आने वाले साल की खुशियां 
यह दिसंबर न जाने हमारे देश के कितने  नौजवानों को खा गया।

©Adv Sony Khan

#Manmohan_Singh_Dies #जयपुर @Adhuri Hayat Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" @Tarannum Sana @Sethi Ji विवेक ठाकुर 'शाद' आज का विचार

12 Love

#वीडियो #जयपुर

#जयपुर में भयंकर हादसा

144 View

Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena

#शायरी #Book  Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena

#Book दिल से

23 Love

White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha

White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ

#जख्म  White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

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