White तेरे नाम में जीने वाली सांवरे, तुझसे ही जुदा होने लगी थी...
तुझसे इश्क लिखने वाली, यू बेवफा होने लगी थी....
थामा क्यो नहीं था तू, लड़खडा़ कर मैं गिरती रही..
तू खयालों में भी न आया, मैं ख्बाबों में तुझे तलाशती रहीं..
एक लम्हा न गुजरता था बिन तेरे और तुझसे खफा होने लगी थी...
तुझसे इश्क करने वाली सांवरे,यू बेवफा होने लगी थी...
माफ कर दे न कृष्णा.... अब तुझे जीना चाहती हूं,
तू ही मेरी यादें हो, तू ही मेरी बाते हों तू ही हो मेरा संसार,
तू मेरे हर शब्द में, तू हर अर्थ में, तू ही हैं मेरी हर रचना का आधार,
तूझसे शुरू होकर तुझ तक जाऊं में सिर्फ तू रहें मेरा प्यार..
कृष्ण का नाम लेकर, कृष्ण को महसूस कर, कृष्णमय होना चाहती हूं...
थाम ले कृष्णा....
तेरे प्रेम में संवरने वाली, यू बिखरने लगी हैं...
हां यू बेवफा होने लगी हैं, खुद से खफा होने लगी हैं.....
©pratibha singh thakur (krishnapremika...)
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