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New अब्बास कटे हाथों का एजाज दिखा दो lyrics Status, Photo, Video

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हम आपस में बँटे हुए, रिश्तों से हैं कटे हुए, झुके कौन पहले सोचे, मनमर्जी पर डटे हुए, कोई नहीं बेदाग यहाँ, दामन सबके फटे हुए, ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, मन्त्र एक बस रटे हुए, दुनिया हुई दिखावे की, पीछे सब अटपटे हुए, खीरा भीतर खाने तीन, बाहर दिखते सटे हुए, ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 'गुंजन' हैं पर कटे हुए, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता  हम आपस में बँटे हुए, 
रिश्तों  से  हैं  कटे हुए, 

झुके कौन पहले सोचे, 
मनमर्जी  पर  डटे हुए, 

कोई नहीं बेदाग यहाँ, 
दामन सबके फटे हुए,

ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, 
मन्त्र एक बस  रटे हुए,

दुनिया हुई दिखावे की, 
पीछे  सब  अटपटे हुए,

खीरा भीतर खाने तीन, 
बाहर  दिखते  सटे हुए,

ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 
'गुंजन'  हैं  पर  कटे  हुए,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#'गुंजन' हैं पर कटे हुए#

10 Love

जमीं का चांद खूबसूरत दो लाइन शायरी

6,993 View

White भरोसे की बात करते हो गालिब हमने उनकी बातों पे भरोसा क्या किया... उन्होंने तो अपनी औकात दिखा दी ... ©Arun kumar

#sad_quotes  White भरोसे की बात करते हो गालिब 

हमने उनकी बातों पे 
भरोसा क्या किया... 

उन्होंने तो अपनी औकात 
दिखा दी ...

©Arun kumar

#sad_quotes औकात दिखा दी

12 Love

दश्त में प्यास बुझाते हुए मर जाते हैं हम परिंदे कहीं जाते हुए मर जाते हैं हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हँस जो तआ'ल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा हम तेरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं किस तरह लोग चले जाते हैं उठ कर चुप-चाप हम तो ये ध्यान में लाते हुए मर जाते हैं उन के भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं हम हैं वो टूटी हुई कश्तियों वाले 'ताबिश' जो किनारों को मिलाते हुए मर जाते हैं - अब्बास ताबिश ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 दश्त में प्यास बुझाते हुए मर जाते हैं 
हम परिंदे कहीं जाते हुए मर जाते हैं 

हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हँस 
जो तआ'ल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं 

घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा 
हम तेरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं 

किस तरह लोग चले जाते हैं उठ कर चुप-चाप 
हम तो ये ध्यान में लाते हुए मर जाते हैं 

उन के भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है 
जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं 

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन 
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं 

हम हैं वो टूटी हुई कश्तियों वाले 'ताबिश' 
जो किनारों को मिलाते हुए मर जाते हैं

- अब्बास ताबिश

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

- अब्बास ताबिश

20 Love

#कविता #उसके  हाथ का स्पर्श 
एक अजीब सा सुकून देता है,
कहता है 
दूर तू न जा।
पास बैठकर मेरे संग समय बिता,
भूल जा सारे गिले सिकवे
दर्द को भूल जा।
ना दिलों की दूरियां हो,
चाहे कोई भी मजबूरियां हो।
बस करीब ओर करीब आ,
जीवन को सफल बना।
एक दूसरे ना हो जुदा,
जोड़ी बनाए रखे खुदा।
बांहों में भर कर आलिंगन करें,
दूर किसी का न करें।
खो जाएं एक दूजे में,
सारी जिंदगी बीत जाए संग बिताने में।

©Shishpal Chauhan

#उसके हाथों का स्पर्श

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#lyrics

#lyrics ❤️

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हम आपस में बँटे हुए, रिश्तों से हैं कटे हुए, झुके कौन पहले सोचे, मनमर्जी पर डटे हुए, कोई नहीं बेदाग यहाँ, दामन सबके फटे हुए, ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, मन्त्र एक बस रटे हुए, दुनिया हुई दिखावे की, पीछे सब अटपटे हुए, खीरा भीतर खाने तीन, बाहर दिखते सटे हुए, ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 'गुंजन' हैं पर कटे हुए, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता  हम आपस में बँटे हुए, 
रिश्तों  से  हैं  कटे हुए, 

झुके कौन पहले सोचे, 
मनमर्जी  पर  डटे हुए, 

कोई नहीं बेदाग यहाँ, 
दामन सबके फटे हुए,

ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, 
मन्त्र एक बस  रटे हुए,

दुनिया हुई दिखावे की, 
पीछे  सब  अटपटे हुए,

खीरा भीतर खाने तीन, 
बाहर  दिखते  सटे हुए,

ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 
'गुंजन'  हैं  पर  कटे  हुए,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#'गुंजन' हैं पर कटे हुए#

10 Love

जमीं का चांद खूबसूरत दो लाइन शायरी

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White भरोसे की बात करते हो गालिब हमने उनकी बातों पे भरोसा क्या किया... उन्होंने तो अपनी औकात दिखा दी ... ©Arun kumar

#sad_quotes  White भरोसे की बात करते हो गालिब 

हमने उनकी बातों पे 
भरोसा क्या किया... 

उन्होंने तो अपनी औकात 
दिखा दी ...

©Arun kumar

#sad_quotes औकात दिखा दी

12 Love

दश्त में प्यास बुझाते हुए मर जाते हैं हम परिंदे कहीं जाते हुए मर जाते हैं हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हँस जो तआ'ल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा हम तेरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं किस तरह लोग चले जाते हैं उठ कर चुप-चाप हम तो ये ध्यान में लाते हुए मर जाते हैं उन के भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं हम हैं वो टूटी हुई कश्तियों वाले 'ताबिश' जो किनारों को मिलाते हुए मर जाते हैं - अब्बास ताबिश ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 दश्त में प्यास बुझाते हुए मर जाते हैं 
हम परिंदे कहीं जाते हुए मर जाते हैं 

हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हँस 
जो तआ'ल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं 

घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा 
हम तेरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं 

किस तरह लोग चले जाते हैं उठ कर चुप-चाप 
हम तो ये ध्यान में लाते हुए मर जाते हैं 

उन के भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है 
जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं 

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन 
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं 

हम हैं वो टूटी हुई कश्तियों वाले 'ताबिश' 
जो किनारों को मिलाते हुए मर जाते हैं

- अब्बास ताबिश

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

- अब्बास ताबिश

20 Love

#कविता #उसके  हाथ का स्पर्श 
एक अजीब सा सुकून देता है,
कहता है 
दूर तू न जा।
पास बैठकर मेरे संग समय बिता,
भूल जा सारे गिले सिकवे
दर्द को भूल जा।
ना दिलों की दूरियां हो,
चाहे कोई भी मजबूरियां हो।
बस करीब ओर करीब आ,
जीवन को सफल बना।
एक दूसरे ना हो जुदा,
जोड़ी बनाए रखे खुदा।
बांहों में भर कर आलिंगन करें,
दूर किसी का न करें।
खो जाएं एक दूजे में,
सारी जिंदगी बीत जाए संग बिताने में।

©Shishpal Chauhan

#उसके हाथों का स्पर्श

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