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New 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस Status, Photo, Video

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Unsplash प्यार की मंज़िल मुश्किल थी, पर हम भटके नहीं, दिल में दर्द तो था पर हम रोये नहीं, कोई नहीं यहाँ हमारा जो हमें पूछे, जाग रहे हो की, सोये नहीं। ©Deepak Gangwar

#camping  Unsplash प्यार की मंज़िल मुश्किल थी, पर हम भटके नहीं,
दिल में दर्द तो था पर हम रोये नहीं,
कोई नहीं यहाँ हमारा जो हमें पूछे,
जाग रहे हो की, सोये नहीं।

©Deepak Gangwar

#camping 8

10 Love

part 8

108 View

#Motivational

संविधान दिवस

144 View

#मराठीकविता #स्त्री #JKpoetess

#स्त्री मन #JKpoetess महिला दिन मराठी कविता

189 View

नौकरी करने वालों, न करो खुद पर इतना गुमान, उस खामोश औरत की मेहनत को भी पहचानो, जो है घर की असल जान। बिन वेतन, बिन तालियों के वो हर दिन खप जाती है, हर मुश्किल को मुस्कुराकर सह लेती है, फिर भी चुप रह जाती है।" "वो है घर की बुनियाद, हर सुख-दुख की साथी, उसके बिना अधूरी है हर खुशी, हर बात प्यासी। चुपचाप समेटे रखती है अपने आंचल में घर की रौनक, उसकी मेहनत से घर में बसी है सुख-शांति की सौगात।" "हवा की तरह बहती, फिर भी उसकी पहचान खो जाती है, घर में हर खुशी का रंग, वो खुद मिटकर सजाती है। वो हर दर्द, हर ग़म छुपाकर अपनी मुस्कान सजाती है, अपने हर कदम से घर में नयापन और उजाला लाती है।" "वो ही है जो चुपचाप सारा भार उठाती है, घर की महक और खुशियों की जड़ बन जाती है। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #महिला  नौकरी करने वालों, न करो खुद पर इतना गुमान,
उस खामोश औरत की मेहनत को भी पहचानो, जो है घर की असल जान।
बिन वेतन, बिन तालियों के वो हर दिन खप जाती है,
हर मुश्किल को मुस्कुराकर सह लेती है, फिर भी चुप रह जाती है।"

"वो है घर की बुनियाद, हर सुख-दुख की साथी,
उसके बिना अधूरी है हर खुशी, हर बात प्यासी।
चुपचाप समेटे रखती है अपने आंचल में घर की रौनक,
उसकी मेहनत से घर में बसी है सुख-शांति की सौगात।"
"हवा की तरह बहती, फिर भी उसकी पहचान खो जाती है,
घर में हर खुशी का रंग, वो खुद मिटकर सजाती है।
वो हर दर्द, हर ग़म छुपाकर अपनी मुस्कान सजाती है,
अपने हर कदम से घर में नयापन और उजाला लाती है।"

"वो ही है जो चुपचाप सारा भार उठाती है,
घर की महक और खुशियों की जड़ बन जाती है।

©नवनीत ठाकुर
#SAD

Day 8

432 View

Unsplash प्यार की मंज़िल मुश्किल थी, पर हम भटके नहीं, दिल में दर्द तो था पर हम रोये नहीं, कोई नहीं यहाँ हमारा जो हमें पूछे, जाग रहे हो की, सोये नहीं। ©Deepak Gangwar

#camping  Unsplash प्यार की मंज़िल मुश्किल थी, पर हम भटके नहीं,
दिल में दर्द तो था पर हम रोये नहीं,
कोई नहीं यहाँ हमारा जो हमें पूछे,
जाग रहे हो की, सोये नहीं।

©Deepak Gangwar

#camping 8

10 Love

part 8

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#Motivational

संविधान दिवस

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#मराठीकविता #स्त्री #JKpoetess

#स्त्री मन #JKpoetess महिला दिन मराठी कविता

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नौकरी करने वालों, न करो खुद पर इतना गुमान, उस खामोश औरत की मेहनत को भी पहचानो, जो है घर की असल जान। बिन वेतन, बिन तालियों के वो हर दिन खप जाती है, हर मुश्किल को मुस्कुराकर सह लेती है, फिर भी चुप रह जाती है।" "वो है घर की बुनियाद, हर सुख-दुख की साथी, उसके बिना अधूरी है हर खुशी, हर बात प्यासी। चुपचाप समेटे रखती है अपने आंचल में घर की रौनक, उसकी मेहनत से घर में बसी है सुख-शांति की सौगात।" "हवा की तरह बहती, फिर भी उसकी पहचान खो जाती है, घर में हर खुशी का रंग, वो खुद मिटकर सजाती है। वो हर दर्द, हर ग़म छुपाकर अपनी मुस्कान सजाती है, अपने हर कदम से घर में नयापन और उजाला लाती है।" "वो ही है जो चुपचाप सारा भार उठाती है, घर की महक और खुशियों की जड़ बन जाती है। ©नवनीत ठाकुर

#कविता #महिला  नौकरी करने वालों, न करो खुद पर इतना गुमान,
उस खामोश औरत की मेहनत को भी पहचानो, जो है घर की असल जान।
बिन वेतन, बिन तालियों के वो हर दिन खप जाती है,
हर मुश्किल को मुस्कुराकर सह लेती है, फिर भी चुप रह जाती है।"

"वो है घर की बुनियाद, हर सुख-दुख की साथी,
उसके बिना अधूरी है हर खुशी, हर बात प्यासी।
चुपचाप समेटे रखती है अपने आंचल में घर की रौनक,
उसकी मेहनत से घर में बसी है सुख-शांति की सौगात।"
"हवा की तरह बहती, फिर भी उसकी पहचान खो जाती है,
घर में हर खुशी का रंग, वो खुद मिटकर सजाती है।
वो हर दर्द, हर ग़म छुपाकर अपनी मुस्कान सजाती है,
अपने हर कदम से घर में नयापन और उजाला लाती है।"

"वो ही है जो चुपचाप सारा भार उठाती है,
घर की महक और खुशियों की जड़ बन जाती है।

©नवनीत ठाकुर
#SAD

Day 8

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