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New prayer times india Status, Photo, Video

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Unsplash प्रार्थना सदा कुछ माँगने के लिए नहीं अपितु "ईश्वर" ने जो कुछ दिया है, उसके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए होनी चाहिए। ©Pavan Sharma

#विचार #gratefulheart #vpsmindsnlp #Gracefully #gratitude  Unsplash प्रार्थना सदा कुछ माँगने के 
लिए नहीं अपितु  "ईश्वर" ने 
जो कुछ दिया है, उसके प्रति
 आभार  व्यक्त करने के 
लिए होनी चाहिए।

©Pavan Sharma

White टाइम्स ऑफ इंडिया की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ कमाने वाला अखबार बन गया। ©VIMALESH YADAV

#मोटिवेशनल #vimaleshyadav #sad_quotes  White टाइम्स ऑफ इंडिया

 की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश
 राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स
 के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने 
वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के 
समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ 
और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स 
ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप 
में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में 
था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध 
औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू 
जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 
संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और 
तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ 
कमाने वाला अखबार बन गया।

©VIMALESH YADAV

times of India #sad_quotes #vimaleshyadav

14 Love

#ભક્તિ #prayer  शुक्र मनाना सीख लो
इतना वो देगा की 
तुम समेटते समेटते 
थक जाओगे।

©RjSunitkumar

#prayer

99 View

#wishes

Prayer

99 View

सब कुछ पाकर भी क्यों खाली रहता है इंसान स्वप्न के सागर में क्यों डूबा रहता है संसार क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण फिर किस चीज का है अभिमान शांति के सरोवर में करता हूं स्नान संतुष्टि से भरे हृदय से प्रभु को प्रणाम! आनंद ही आनंद रहे सबका हो कल्याण...... ©अनुज

#मोटिवेशनल #prayer  सब कुछ पाकर भी क्यों 
 खाली रहता है इंसान 

स्वप्न के सागर में 
क्यों डूबा रहता है संसार

क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण 
फिर किस चीज का है अभिमान

शांति के सरोवर में करता हूं स्नान 
संतुष्टि से भरे हृदय से प्रभु को प्रणाम! 

आनंद ही आनंद रहे 
सबका हो कल्याण......

©अनुज

#prayer 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'

17 Love

White ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲ ಸರ್ವ ಶಕ್ತಿಗಳೇ ಈ ನಿಮ್ಮ ಕಂದನಿಗೆ ಆಶಿರ್ವದಿಸಿ ಹರಿಸಿ ಹಾರೈಸಿ ಓಂ ನಾರಾಯಣಾಯ ನಮಃ ©Lakumikanda Mukunda

#ಜ್ಞಾನಿ #lakumikanda #Quotes #prayer  White ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲ ಸರ್ವ ಶಕ್ತಿಗಳೇ
ಈ ನಿಮ್ಮ ಕಂದನಿಗೆ
ಆಶಿರ್ವದಿಸಿ ಹರಿಸಿ ಹಾರೈಸಿ
ಓಂ ನಾರಾಯಣಾಯ ನಮಃ

©Lakumikanda Mukunda

Unsplash प्रार्थना सदा कुछ माँगने के लिए नहीं अपितु "ईश्वर" ने जो कुछ दिया है, उसके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए होनी चाहिए। ©Pavan Sharma

#विचार #gratefulheart #vpsmindsnlp #Gracefully #gratitude  Unsplash प्रार्थना सदा कुछ माँगने के 
लिए नहीं अपितु  "ईश्वर" ने 
जो कुछ दिया है, उसके प्रति
 आभार  व्यक्त करने के 
लिए होनी चाहिए।

©Pavan Sharma

White टाइम्स ऑफ इंडिया की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ कमाने वाला अखबार बन गया। ©VIMALESH YADAV

#मोटिवेशनल #vimaleshyadav #sad_quotes  White टाइम्स ऑफ इंडिया

 की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश
 राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स
 के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने 
वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के 
समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ 
और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स 
ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप 
में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में 
था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध 
औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू 
जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 
संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और 
तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ 
कमाने वाला अखबार बन गया।

©VIMALESH YADAV

times of India #sad_quotes #vimaleshyadav

14 Love

#ભક્તિ #prayer  शुक्र मनाना सीख लो
इतना वो देगा की 
तुम समेटते समेटते 
थक जाओगे।

©RjSunitkumar

#prayer

99 View

#wishes

Prayer

99 View

सब कुछ पाकर भी क्यों खाली रहता है इंसान स्वप्न के सागर में क्यों डूबा रहता है संसार क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण फिर किस चीज का है अभिमान शांति के सरोवर में करता हूं स्नान संतुष्टि से भरे हृदय से प्रभु को प्रणाम! आनंद ही आनंद रहे सबका हो कल्याण...... ©अनुज

#मोटिवेशनल #prayer  सब कुछ पाकर भी क्यों 
 खाली रहता है इंसान 

स्वप्न के सागर में 
क्यों डूबा रहता है संसार

क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण 
फिर किस चीज का है अभिमान

शांति के सरोवर में करता हूं स्नान 
संतुष्टि से भरे हृदय से प्रभु को प्रणाम! 

आनंद ही आनंद रहे 
सबका हो कल्याण......

©अनुज

#prayer 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'

17 Love

White ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲ ಸರ್ವ ಶಕ್ತಿಗಳೇ ಈ ನಿಮ್ಮ ಕಂದನಿಗೆ ಆಶಿರ್ವದಿಸಿ ಹರಿಸಿ ಹಾರೈಸಿ ಓಂ ನಾರಾಯಣಾಯ ನಮಃ ©Lakumikanda Mukunda

#ಜ್ಞಾನಿ #lakumikanda #Quotes #prayer  White ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲ ಸರ್ವ ಶಕ್ತಿಗಳೇ
ಈ ನಿಮ್ಮ ಕಂದನಿಗೆ
ಆಶಿರ್ವದಿಸಿ ಹರಿಸಿ ಹಾರೈಸಿ
ಓಂ ನಾರಾಯಣಾಯ ನಮಃ

©Lakumikanda Mukunda
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