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New shraddha kharpude Status, Photo, Video

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White चेहरे से सुंदर तो नही पर दिल के साफ हैं, सायद यहीं वजह हैं की हम बहुत कम लोगों के ख़ास हैं..!! 💔 ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White चेहरे से सुंदर तो नही पर दिल के साफ हैं,
सायद यहीं वजह हैं की
 हम बहुत कम लोगों के ख़ास हैं..!!
💔

©Ak.writer_2.0

White काश ! उनको कभी फुर्सत में ये ख़याल आए, कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझकर..!! 💔 ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White काश ! उनको कभी फुर्सत में ये ख़याल आए,
 कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझकर..!!
💔

©Ak.writer_2.0

White "मुझे फिर से तुझसे बात करनी है, रातों को जाग कर मुलाकात करनी है..।। तू जुदा होकर सब बर्बाद मत कर, क्योंकि मुझे फिर से शुरुआत करनी है..।। ...💔🥺... ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White "मुझे फिर से तुझसे बात करनी है,
 रातों को जाग कर मुलाकात करनी है..।।

तू जुदा होकर सब बर्बाद मत कर,
 क्योंकि मुझे फिर से शुरुआत करनी है..।।

...💔🥺...

©Ak.writer_2.0

White तुमसे शिकायतों का आखिरी महिना है ये मेरा, फ़िर इसके बाद शायद कभी दिखना भी मुकम्मल ना हो मेरा..।। ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White तुमसे शिकायतों का आखिरी महिना है ये मेरा,
फ़िर इसके बाद शायद कभी दिखना भी मुकम्मल ना हो मेरा..।।

©Ak.writer_2.0

आग में जले इतने हैं कि हर रोज अब जख्म गहरे ही होते जा रहे हैं ये आग की लपटे कम होने का नाम ही नहीं ले रही और तमाशा तो देखो हमें आग में जलता देख , उस आग में हाथ सेकने वालों की कतार हर दिन लंबी ही होती जा रही है मैं पुछती हूं कि पूरे शहर का का पानी सूरज में सोख लिया है या चांद ने अपनी शीतलता को बनाए रखने के लिए उधार पे लिया है ? मेरी आँखें अब भी रश्तो पर ही टिकी हैं मेरे अपने अब तक भी क्यों नहीं आये  धरती से मांग कर , बादल से छीन कर  मेरे पास, मेरे पास पानी लेकर !! ©katha(कथा )

#DiyaSalaai #SAD  आग में जले इतने हैं 
कि हर रोज अब जख्म
 गहरे ही होते जा रहे हैं 
ये आग की लपटे कम होने का नाम ही नहीं ले रही 
और तमाशा तो देखो
हमें आग में जलता देख , उस आग
 में हाथ सेकने वालों की 
कतार हर दिन लंबी ही होती जा रही है 
मैं पुछती हूं 
कि पूरे शहर का का पानी 
सूरज में सोख लिया है
या चांद ने अपनी शीतलता को बनाए 
रखने के लिए उधार पे लिया है ? 

मेरी आँखें अब भी रश्तो पर ही टिकी हैं 
मेरे अपने अब तक भी क्यों नहीं आये  
धरती से मांग कर , बादल से छीन कर  
मेरे पास, मेरे पास पानी लेकर !!

©katha(कथा )

#DiyaSalaai Δ¥ΔŦ @shraddha singh @Priya singh @Gautam Dr.Meet (मीत)

18 Love

White चेहरे से सुंदर तो नही पर दिल के साफ हैं, सायद यहीं वजह हैं की हम बहुत कम लोगों के ख़ास हैं..!! 💔 ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White चेहरे से सुंदर तो नही पर दिल के साफ हैं,
सायद यहीं वजह हैं की
 हम बहुत कम लोगों के ख़ास हैं..!!
💔

©Ak.writer_2.0

White काश ! उनको कभी फुर्सत में ये ख़याल आए, कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझकर..!! 💔 ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White काश ! उनको कभी फुर्सत में ये ख़याल आए,
 कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझकर..!!
💔

©Ak.writer_2.0

White "मुझे फिर से तुझसे बात करनी है, रातों को जाग कर मुलाकात करनी है..।। तू जुदा होकर सब बर्बाद मत कर, क्योंकि मुझे फिर से शुरुआत करनी है..।। ...💔🥺... ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White "मुझे फिर से तुझसे बात करनी है,
 रातों को जाग कर मुलाकात करनी है..।।

तू जुदा होकर सब बर्बाद मत कर,
 क्योंकि मुझे फिर से शुरुआत करनी है..।।

...💔🥺...

©Ak.writer_2.0

White तुमसे शिकायतों का आखिरी महिना है ये मेरा, फ़िर इसके बाद शायद कभी दिखना भी मुकम्मल ना हो मेरा..।। ©Ak.writer_2.0

#Sad_Status #SAD  White तुमसे शिकायतों का आखिरी महिना है ये मेरा,
फ़िर इसके बाद शायद कभी दिखना भी मुकम्मल ना हो मेरा..।।

©Ak.writer_2.0

आग में जले इतने हैं कि हर रोज अब जख्म गहरे ही होते जा रहे हैं ये आग की लपटे कम होने का नाम ही नहीं ले रही और तमाशा तो देखो हमें आग में जलता देख , उस आग में हाथ सेकने वालों की कतार हर दिन लंबी ही होती जा रही है मैं पुछती हूं कि पूरे शहर का का पानी सूरज में सोख लिया है या चांद ने अपनी शीतलता को बनाए रखने के लिए उधार पे लिया है ? मेरी आँखें अब भी रश्तो पर ही टिकी हैं मेरे अपने अब तक भी क्यों नहीं आये  धरती से मांग कर , बादल से छीन कर  मेरे पास, मेरे पास पानी लेकर !! ©katha(कथा )

#DiyaSalaai #SAD  आग में जले इतने हैं 
कि हर रोज अब जख्म
 गहरे ही होते जा रहे हैं 
ये आग की लपटे कम होने का नाम ही नहीं ले रही 
और तमाशा तो देखो
हमें आग में जलता देख , उस आग
 में हाथ सेकने वालों की 
कतार हर दिन लंबी ही होती जा रही है 
मैं पुछती हूं 
कि पूरे शहर का का पानी 
सूरज में सोख लिया है
या चांद ने अपनी शीतलता को बनाए 
रखने के लिए उधार पे लिया है ? 

मेरी आँखें अब भी रश्तो पर ही टिकी हैं 
मेरे अपने अब तक भी क्यों नहीं आये  
धरती से मांग कर , बादल से छीन कर  
मेरे पास, मेरे पास पानी लेकर !!

©katha(कथा )

#DiyaSalaai Δ¥ΔŦ @shraddha singh @Priya singh @Gautam Dr.Meet (मीत)

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