tags

New pencil poem Status, Photo, Video

Find the latest Status about pencil poem from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about pencil poem.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#Pencil  न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं

लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं

जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं

न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।

मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!

©D. J.

#Pencil attitude shayari

126 View

poem

216 View

poem

189 View

रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak

#कविता #poem  रात भर एक चाँद का साया रहा,
दिल में कोई खामोश उजाला रहा।
तारों ने कहानियाँ बुन दी कई,
पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा।

चुपके से हवाओं ने कुछ कहा,
जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया।
दिल की किताब में एक पन्ना खुला,
और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा।

©kavi Abhishek Pathak

#poem

11 Love

White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter

#poem  White नई सुबह 

एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है 
जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है 
सूर्य सिर पे चढ़ता है ।
मानव नित नए आयाम रचता है
महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है 
भंवरे गीत सुनाते है।
नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है।
मां की रसोई महकती है 
दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है 
नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है 
घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है 
नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं।
     दिया आर्या (दक्षिता)

©diya the poetter

#poem

11 Love

कितना वक्त लगा हमे उन्हें लिखने में... उन्हें वक्त ना लगा पेज पलटने में... ©Vikas Dev Dubey

#शायरी #Pencil  कितना वक्त लगा हमे उन्हें लिखने में...
उन्हें वक्त ना लगा पेज पलटने में...

©Vikas Dev Dubey

#Pencil

10 Love

#Pencil  न मेरे पास कुछ है ,न मैं ही कुछ हूं,
तो फिर,मेरे नाम से लोग चिढ़ते क्यूं हैं

लोगों का ये रूप मुझे और मजबूत बनाता है,
तो फिर ,लोग मुझे ये रूप दिखाते क्यूं हैं

जलवा मेरी लेखनी का चलता है ,
तो फिर,अंदाज पे मेरे, लोग मरते क्यूं हैं

न मैं कवि हूं,न शायर न लेखक,
तो फिर ,मेरे शब्द, किसी को छूते क्यूं हैं।

मिलती है जिंदगी सभी को एक ही बार,
तो फिर, जिंदगी से मिलना हर बार हम टालते क्यूं हैं…!!!

©D. J.

#Pencil attitude shayari

126 View

poem

216 View

poem

189 View

रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak

#कविता #poem  रात भर एक चाँद का साया रहा,
दिल में कोई खामोश उजाला रहा।
तारों ने कहानियाँ बुन दी कई,
पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा।

चुपके से हवाओं ने कुछ कहा,
जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया।
दिल की किताब में एक पन्ना खुला,
और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा।

©kavi Abhishek Pathak

#poem

11 Love

White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter

#poem  White नई सुबह 

एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है 
जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है 
सूर्य सिर पे चढ़ता है ।
मानव नित नए आयाम रचता है
महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है 
भंवरे गीत सुनाते है।
नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है।
मां की रसोई महकती है 
दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है 
नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है 
घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है 
नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं।
     दिया आर्या (दक्षिता)

©diya the poetter

#poem

11 Love

कितना वक्त लगा हमे उन्हें लिखने में... उन्हें वक्त ना लगा पेज पलटने में... ©Vikas Dev Dubey

#शायरी #Pencil  कितना वक्त लगा हमे उन्हें लिखने में...
उन्हें वक्त ना लगा पेज पलटने में...

©Vikas Dev Dubey

#Pencil

10 Love

Trending Topic