रात भर इस चाँद का साया रहा,
दिल में यादों का अफसाना सजा,
ख्वाबों में बसा एक चेहरा प्यारा,
अंधेरों में भी चमकता सितारा।
चाँद की रौशनी में बिखरे थे अरमान,
तन्हाई में भी बस वही था दरमियान,
हर सिसकी में उसकी आवाज थी,
रात भर उस चाँद का साया था साथ।
मासूम चाँदनी में छिपे थे राज़,
आँखों से बहे अनकहे से अल्फ़ाज़,
हर तारों में उसकी झलक थी,
रात भर इस चाँद का साया ही था।
सपनों की चादर ओढ़ कर बैठे थे,
ख्वाबों के मोती चुनते रहते थे,
हर आहट में उसकी खुशबू बसी थी,
रात भर उस चाँद का साया ही दिल में बसा था।
©Deepz_Talk
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