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न पूछो कि मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है, न हारुंगा हौसला उम्र भर, ये मैंने खुद से वादा किया है। हार दिल से ना मानने का वादा खुद से कर लीजिए फिर देखिए कैसे आपको मंजिल मिलती हैं। ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #शायरी #Thinking #motivate #Shaayari  न पूछो कि मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है, न हारुंगा हौसला उम्र भर, ये मैंने खुद से वादा किया है।

हार दिल से ना मानने का वादा खुद से कर लीजिए फिर देखिए कैसे आपको मंजिल मिलती हैं।

©Chandan

White काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #शायरी #Sad_Status #motivate #story❤  White काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए

©Chandan

White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंज़िल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ  यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #कविता #motavitonal #Sad_Status #poem  White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
 यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

©Chandan

White 03:00 AM सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं. बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है. या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....? क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...? जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं. या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....? ©GiRlSLiNeS190*

#nojotahindi #GoodNight #Relatable #nojohindi #Reality  White                                                     03:00 AM

सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं.

बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है.

या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....?

क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...?

जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं.

या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....?

©GiRlSLiNeS190*

#GoodNight poetry in hindi hindi poetry #Reality #Relatable #poem #nojohindi #nojotahindi

15 Love

White अफ़साने हसीन, नग्मे पुराने ढूंढता हूँ क़िस्से नहीं यादों के खज़ाने ढूंढता हूँ भूली बिसरी बातें, गए ज़माने ढूंढता हूँ फिर रहा हूँ फ़िलहाल दर बदर क्योंकि, मैं ठिकाने नहीं आशियाने ढूंढता हूँ।। ©Pawan Shah

#विचार #nojotohindi #Sad_Status #story #Hindi  White अफ़साने हसीन, नग्मे पुराने ढूंढता हूँ 
क़िस्से नहीं यादों के खज़ाने ढूंढता हूँ 
भूली बिसरी बातें, गए ज़माने ढूंढता हूँ
फिर रहा हूँ फ़िलहाल दर बदर क्योंकि,
मैं ठिकाने नहीं आशियाने ढूंढता हूँ।।

©Pawan Shah

#Sad_Status #Love #story #Hindi #Nojoto #nojotohindi #Hindi #poem #Poetry #Life

17 Love

अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे, इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे, हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता, है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे। जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो, एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती, नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो, अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती। कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे, बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे, हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई, देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे। चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की, अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी, हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह, मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी। मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर, अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर, राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था, ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर। इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे, हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे, जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं, के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे। ©Akash Kedia

#writerscommunity #wallpaper #writing #yqbaba  अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे,

इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे,

हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता,

है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे।


जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो,

एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती,

नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो,

अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती।


कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे,

बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे,

हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई,

देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे।


चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की,

अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी,

हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह,

मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी।


मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर,

अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर,

राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था,

ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर।


इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे,

हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे,

जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं,

के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे।

©Akash Kedia

#wallpaper poetry in hindi love poetry in hindi #writerscommunity #writing #poem #Hindi #yqbaba #yqdidi

17 Love

न पूछो कि मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है, न हारुंगा हौसला उम्र भर, ये मैंने खुद से वादा किया है। हार दिल से ना मानने का वादा खुद से कर लीजिए फिर देखिए कैसे आपको मंजिल मिलती हैं। ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #शायरी #Thinking #motivate #Shaayari  न पूछो कि मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है, न हारुंगा हौसला उम्र भर, ये मैंने खुद से वादा किया है।

हार दिल से ना मानने का वादा खुद से कर लीजिए फिर देखिए कैसे आपको मंजिल मिलती हैं।

©Chandan

White काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #शायरी #Sad_Status #motivate #story❤  White काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए

©Chandan

White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंज़िल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ  यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! ©Chandan

#Nojotoshayeri✍️M #कविता #motavitonal #Sad_Status #poem  White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
 यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

©Chandan

White 03:00 AM सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं. बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है. या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....? क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...? जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं. या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....? ©GiRlSLiNeS190*

#nojotahindi #GoodNight #Relatable #nojohindi #Reality  White                                                     03:00 AM

सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं.

बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है.

या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....?

क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...?

जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं.

या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....?

©GiRlSLiNeS190*

#GoodNight poetry in hindi hindi poetry #Reality #Relatable #poem #nojohindi #nojotahindi

15 Love

White अफ़साने हसीन, नग्मे पुराने ढूंढता हूँ क़िस्से नहीं यादों के खज़ाने ढूंढता हूँ भूली बिसरी बातें, गए ज़माने ढूंढता हूँ फिर रहा हूँ फ़िलहाल दर बदर क्योंकि, मैं ठिकाने नहीं आशियाने ढूंढता हूँ।। ©Pawan Shah

#विचार #nojotohindi #Sad_Status #story #Hindi  White अफ़साने हसीन, नग्मे पुराने ढूंढता हूँ 
क़िस्से नहीं यादों के खज़ाने ढूंढता हूँ 
भूली बिसरी बातें, गए ज़माने ढूंढता हूँ
फिर रहा हूँ फ़िलहाल दर बदर क्योंकि,
मैं ठिकाने नहीं आशियाने ढूंढता हूँ।।

©Pawan Shah

#Sad_Status #Love #story #Hindi #Nojoto #nojotohindi #Hindi #poem #Poetry #Life

17 Love

अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे, इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे, हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता, है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे। जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो, एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती, नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो, अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती। कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे, बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे, हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई, देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे। चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की, अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी, हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह, मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी। मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर, अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर, राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था, ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर। इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे, हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे, जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं, के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे। ©Akash Kedia

#writerscommunity #wallpaper #writing #yqbaba  अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे,

इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे,

हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता,

है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे।


जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो,

एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती,

नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो,

अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती।


कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे,

बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे,

हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई,

देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे।


चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की,

अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी,

हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह,

मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी।


मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर,

अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर,

राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था,

ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर।


इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे,

हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे,

जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं,

के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे।

©Akash Kedia

#wallpaper poetry in hindi love poetry in hindi #writerscommunity #writing #poem #Hindi #yqbaba #yqdidi

17 Love

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