tags

New hindi type Status, Photo, Video

Find the latest Status about hindi type from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about hindi type.

  • Latest
  • Popular
  • Video

type of bones ©Sachin chaprana

 type of bones

©Sachin chaprana

type of bones

12 Love

दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १ मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २ आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३ चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४ क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५ किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६ पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७ खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८ सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९ बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १० चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११ कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२ मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३ कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के,   कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४ वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५ वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६  सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७ फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८ ©Vishwas Pradhan

#motivate #Jindagi #kavita #Hindi  दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १
मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २

आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३
चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४

क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५
किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६

पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७
खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८

सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९
बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १०

चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११
कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२

मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३
कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के,   कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४

वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५
वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६

 सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७
फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८

©Vishwas Pradhan

#kavita #Hindi #motivate #Jindagi hindi poetry on life hindi poetry

13 Love

White राह पर चलकर आगे कुछ दूर एक शामियाना होगा जहां कुछ देर ठहर कर फिर आगे जाना होगा कुछ दूरी तय हो जाने पर एक मील का पत्थर बताएगा कि और कितना चलना है राह के पत्थरों से और कितना छलना है थोड़ी देर बाद एक झरना मिलेगा शीतल जल और मीठे स्वाद का रुक जाना,चख लेना तृप्त करके आत्मा को फिर बढ़ जाना वहां तक जहां तक कोई सीमा समाप्त होगी ©परिंदा

#Thinking  White राह पर चलकर आगे कुछ दूर
एक शामियाना होगा
जहां कुछ देर ठहर कर
फिर आगे जाना होगा
कुछ दूरी तय हो जाने पर
एक मील का पत्थर बताएगा
कि और कितना चलना है
राह के पत्थरों से
और कितना छलना है
थोड़ी देर बाद एक झरना मिलेगा
शीतल जल और मीठे स्वाद का
रुक जाना,चख लेना
तृप्त करके आत्मा को
फिर बढ़ जाना
वहां तक जहां तक
कोई सीमा समाप्त होगी

©परिंदा

#Thinking poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life

11 Love

#विचार #Hindi  मातृभाषा को बढ़ावा दें 
भारत के नागरिकों को 
बोलने की स्वतंत्रता दें।

©Neema Pawal

#Hindi

90 View

मुस्कुराओ क्या गम है जिंदगी में टेंशन किसको कम है अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।। Good Morning ☕ ©Onkar Borhade official

#कोट्स #Hindi  मुस्कुराओ क्या गम है
जिंदगी में टेंशन किसको कम है
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है
जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।।
Good Morning ☕

©Onkar Borhade official

#Hindi

13 Love

Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep

#library  Unsplash एक खामोशी जब.
गहरी अता हो... 
जिस्म मिटे... 
रूह खुदा हो... 

ये  शोरत,नाम ,मुकाम सभी... 
मिट्टी, मिट्टी...
या फिर धुआ, धुआ हो.. 

होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... 
ज़मीन पे तेरे होने पर... 
आखरी नींद तेरे सोने पर.

©Anudeep

#library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry

22 Love

type of bones ©Sachin chaprana

 type of bones

©Sachin chaprana

type of bones

12 Love

दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १ मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २ आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३ चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४ क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५ किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६ पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७ खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८ सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९ बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १० चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११ कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२ मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३ कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के,   कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४ वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५ वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६  सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७ फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८ ©Vishwas Pradhan

#motivate #Jindagi #kavita #Hindi  दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १
मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २

आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३
चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४

क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५
किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६

पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७
खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८

सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९
बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १०

चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११
कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२

मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३
कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के,   कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४

वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५
वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६

 सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७
फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८

©Vishwas Pradhan

#kavita #Hindi #motivate #Jindagi hindi poetry on life hindi poetry

13 Love

White राह पर चलकर आगे कुछ दूर एक शामियाना होगा जहां कुछ देर ठहर कर फिर आगे जाना होगा कुछ दूरी तय हो जाने पर एक मील का पत्थर बताएगा कि और कितना चलना है राह के पत्थरों से और कितना छलना है थोड़ी देर बाद एक झरना मिलेगा शीतल जल और मीठे स्वाद का रुक जाना,चख लेना तृप्त करके आत्मा को फिर बढ़ जाना वहां तक जहां तक कोई सीमा समाप्त होगी ©परिंदा

#Thinking  White राह पर चलकर आगे कुछ दूर
एक शामियाना होगा
जहां कुछ देर ठहर कर
फिर आगे जाना होगा
कुछ दूरी तय हो जाने पर
एक मील का पत्थर बताएगा
कि और कितना चलना है
राह के पत्थरों से
और कितना छलना है
थोड़ी देर बाद एक झरना मिलेगा
शीतल जल और मीठे स्वाद का
रुक जाना,चख लेना
तृप्त करके आत्मा को
फिर बढ़ जाना
वहां तक जहां तक
कोई सीमा समाप्त होगी

©परिंदा

#Thinking poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life

11 Love

#विचार #Hindi  मातृभाषा को बढ़ावा दें 
भारत के नागरिकों को 
बोलने की स्वतंत्रता दें।

©Neema Pawal

#Hindi

90 View

मुस्कुराओ क्या गम है जिंदगी में टेंशन किसको कम है अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।। Good Morning ☕ ©Onkar Borhade official

#कोट्स #Hindi  मुस्कुराओ क्या गम है
जिंदगी में टेंशन किसको कम है
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है
जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।।
Good Morning ☕

©Onkar Borhade official

#Hindi

13 Love

Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep

#library  Unsplash एक खामोशी जब.
गहरी अता हो... 
जिस्म मिटे... 
रूह खुदा हो... 

ये  शोरत,नाम ,मुकाम सभी... 
मिट्टी, मिट्टी...
या फिर धुआ, धुआ हो.. 

होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... 
ज़मीन पे तेरे होने पर... 
आखरी नींद तेरे सोने पर.

©Anudeep

#library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry

22 Love

Trending Topic