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New हजूर साहिब नांदेड़ nanded maharashtra Status, Photo, Video

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डगमगाया हूं पर हारा नहीं, सियासत का खेल है, सारा यही। जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं, एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं। कुर्सी की जंग में चली चाल नई, सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी। नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल, जनता की खातिर किया हर सवाल। राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल, कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल। पद पीछे सही, मगर हौसला वही, नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी। ©Balwant Mehta

#कविता #maharashtra #Politics  डगमगाया हूं पर हारा नहीं,
सियासत का खेल है, सारा यही।
जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं,
एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं।

कुर्सी की जंग में चली चाल नई,
सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी।
नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल,
जनता की खातिर किया हर सवाल।

राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल,
कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल।
पद पीछे सही, मगर हौसला वही,
नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी।

©Balwant Mehta

सत्ता के खेल में उलझा सब सियासी दांव, जनता के सपनों का टूट गया ठांव। नेताओं की चालों में बिखरती उम्मीदें, महाराष्ट्र देखे कब सजेगी नई तस्वीरें। ©Balwant Mehta

#कविता #maharashtra  सत्ता के खेल में उलझा सब सियासी दांव,
जनता के सपनों का टूट गया ठांव।
नेताओं की चालों में बिखरती उम्मीदें,
महाराष्ट्र देखे कब सजेगी नई तस्वीरें।

©Balwant Mehta

#maharashtra

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White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात

#शायरी #है  White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब 
सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..!

हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन 
किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..!

अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं 
वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..!

बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं 
सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..!

एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये 
एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..!

इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा 
इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..!

बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा 
किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..!

ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है 
जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..!

©अज्ञात

#है ना साहिब

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डगमगाया हूं पर हारा नहीं, सियासत का खेल है, सारा यही। जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं, एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं। कुर्सी की जंग में चली चाल नई, सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी। नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल, जनता की खातिर किया हर सवाल। राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल, कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल। पद पीछे सही, मगर हौसला वही, नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी। ©Balwant Mehta

#कविता #maharashtra #Politics  डगमगाया हूं पर हारा नहीं,
सियासत का खेल है, सारा यही।
जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं,
एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं।

कुर्सी की जंग में चली चाल नई,
सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी।
नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल,
जनता की खातिर किया हर सवाल।

राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल,
कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल।
पद पीछे सही, मगर हौसला वही,
नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी।

©Balwant Mehta

सत्ता के खेल में उलझा सब सियासी दांव, जनता के सपनों का टूट गया ठांव। नेताओं की चालों में बिखरती उम्मीदें, महाराष्ट्र देखे कब सजेगी नई तस्वीरें। ©Balwant Mehta

#कविता #maharashtra  सत्ता के खेल में उलझा सब सियासी दांव,
जनता के सपनों का टूट गया ठांव।
नेताओं की चालों में बिखरती उम्मीदें,
महाराष्ट्र देखे कब सजेगी नई तस्वीरें।

©Balwant Mehta

#maharashtra

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White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात

#शायरी #है  White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब 
सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..!

हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन 
किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..!

अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं 
वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..!

बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं 
सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..!

एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये 
एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..!

इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा 
इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..!

बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा 
किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..!

ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है 
जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..!

©अज्ञात

#है ना साहिब

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