White चाह कर भी चल दिया भास्कर,
दिल में दर्द छोड़ गया प्यार का।
वो जो संग था तेरे, हर पल था रोशनी,
अब बस रह गया अंधेरा रात का।
तूने दिया था दिल को नया सवेरा,
मगर अब तो हर लम्हा है बेक़रार।
चाहत में डूबी ये शामें भी सुनसान,
बन गई है अब यादों की गुज़ार।
आसमान में तेरा नाम लिखूं तो कैसे,
जब तेरे बिना है वीरान ये सफ़र।
फिर भी दिल से करता हूँ ये इकरार,
तू था, तू है, और हमेशा रहेगा मेरा प्यार।
©Balwant Mehta
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