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New ठंडी पड़े फुहार Status, Photo, Video

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White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नहीं। हर ठोकर इक सबक सिखाए, हर मुश्किल हौसला बढ़ाए। सपने उन्हीं के पूरे होते, जो गिरकर फिर संभल जाए। मंज़िल तुम्हें पुकार रही है, हिम्मत से तुम काम लो। हर मुश्किल झुक जाएगी, बस एक और कदम बढ़ा लो! ©Faruk

#Sad_Status #Videos  White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

9 Love

White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नहीं। हर ठोकर इक सबक सिखाए, हर मुश्किल हौसला बढ़ाए। सपने उन्हीं के पूरे होते, जो गिरकर फिर संभल जाए। मंज़िल तुम्हें पुकार रही है, हिम्मत से तुम काम लो। हर मुश्किल झुक जाएगी, बस एक और कदम बढ़ा लो! ©Faruk

#Sad_Status #Videos  White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

12 Love

green-leaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है ©Alamsingh Choungad

#विचार #GreenLeaves  green-leaves नए साल का दूसरा दिन 
✨👆🏻🥀💗🦋🌺
हरि भरी हरियाली दिख रही हैं 
ठंडी ठंडी हवा चल रही है 
यही नए साल का नायरा है

©Alamsingh Choungad

#GreenLeaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है नये अच्छे विचार शुभ

13 Love

हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

16 Love

जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम। तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने, अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले,
अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम।

वो जो हाथ थामते थे हर कदम में,
अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम।


तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने,
अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी

12 Love

#कविता #camping  Unsplash हमने जब अपना हक मांगा

हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। 
बोल पड़े हम घर में भाई फिर खींचातानी हो गई।

मुंह फेर लिया अपनों ने रिश्तेदार भी रूठ गए।
बड़े जतन से बांध रखा वो प्रेम के मोती टूट गए।

घर में दीवारें खिंच गई मकान बिकाऊ हो गया। 
समझदार थे उनका अब पुत्र कमाऊ हो गया।
 
कैसे बांध सके वो डोरी जलन पड़ी थी पांवों में। 
तुच्छ स्वार्थ से शूल बिछाए सूनी सी इन राहों में।

संभल संभलके चलते फिर भी धोखा मिलता है।
पांव से जमी खिसकती कभी फैसला हिलता है।

जिसका पलड़ा भारी होता लोग उधर हो जाते हैं। 
सलाह मशवरे आकर हमको रोज देकर जाते हैं।

रिश्तेदारों को भी जाने क्यों ये परेशानी हो गई।
हमने जब अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई।

अपनी मेहनत हक का खाना बेईमानी हो गई।
न्याय की खातिर टूट पड़े तो खींचातानी हो गई।

©IG @kavi_neetesh

#camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान

117 View

White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नहीं। हर ठोकर इक सबक सिखाए, हर मुश्किल हौसला बढ़ाए। सपने उन्हीं के पूरे होते, जो गिरकर फिर संभल जाए। मंज़िल तुम्हें पुकार रही है, हिम्मत से तुम काम लो। हर मुश्किल झुक जाएगी, बस एक और कदम बढ़ा लो! ©Faruk

#Sad_Status #Videos  White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

9 Love

White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नहीं। हर ठोकर इक सबक सिखाए, हर मुश्किल हौसला बढ़ाए। सपने उन्हीं के पूरे होते, जो गिरकर फिर संभल जाए। मंज़िल तुम्हें पुकार रही है, हिम्मत से तुम काम लो। हर मुश्किल झुक जाएगी, बस एक और कदम बढ़ा लो! ©Faruk

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रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

12 Love

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#विचार #GreenLeaves  green-leaves नए साल का दूसरा दिन 
✨👆🏻🥀💗🦋🌺
हरि भरी हरियाली दिख रही हैं 
ठंडी ठंडी हवा चल रही है 
यही नए साल का नायरा है

©Alamsingh Choungad

#GreenLeaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है नये अच्छे विचार शुभ

13 Love

हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

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जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम। तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने, अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले,
अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम।

वो जो हाथ थामते थे हर कदम में,
अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम।


तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने,
अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले, अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम। वो जो हाथ थामते थे हर कदम में, अब खाली हैं, फिर भी

12 Love

#कविता #camping  Unsplash हमने जब अपना हक मांगा

हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। 
बोल पड़े हम घर में भाई फिर खींचातानी हो गई।

मुंह फेर लिया अपनों ने रिश्तेदार भी रूठ गए।
बड़े जतन से बांध रखा वो प्रेम के मोती टूट गए।

घर में दीवारें खिंच गई मकान बिकाऊ हो गया। 
समझदार थे उनका अब पुत्र कमाऊ हो गया।
 
कैसे बांध सके वो डोरी जलन पड़ी थी पांवों में। 
तुच्छ स्वार्थ से शूल बिछाए सूनी सी इन राहों में।

संभल संभलके चलते फिर भी धोखा मिलता है।
पांव से जमी खिसकती कभी फैसला हिलता है।

जिसका पलड़ा भारी होता लोग उधर हो जाते हैं। 
सलाह मशवरे आकर हमको रोज देकर जाते हैं।

रिश्तेदारों को भी जाने क्यों ये परेशानी हो गई।
हमने जब अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई।

अपनी मेहनत हक का खाना बेईमानी हो गई।
न्याय की खातिर टूट पड़े तो खींचातानी हो गई।

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