जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले,
अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम।
वो जो हाथ थामते थे हर कदम में,
अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम।
तेरे बिना भी अब खुद को पा लिया है हमने,
अब रास्ते अपनी मंज़िल की ओर ले चले हैं हम।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
जो रास्ते थे कभी तेरा साथ देने वाले,
अब उन्हीं पर अकेले ही चल पड़े हैं हम।
वो जो हाथ थामते थे हर कदम में,
अब खाली हैं, फिर भी दिल से चल पड़े हैं हम।