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#विचार

@moni @Ak.writer_2.0 @Adil khan प्रशांत की डायरी m.k

180 View

White मेरी असहाय डायरी✍🏼✍🏼✍🏼 ********************************** भोर होगा संध्या होगी इस सृष्टि में सब कुछ होगा न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं एक एक पन्ने पर उतरे हुए मेरे हृदय के उदगार सब कुछ रहेगा कविता के रूप में,न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं शब्द शब्द असहाय होगें औंधे मुंह पड़े होंगे डायरियों में दुपके पुकारेंगे, सब कुछ मिलेगा,पर न मिलूंगी तो वो हूँ मैं मेरी असहाय डायरियां असहज महसूस करेंगी किसी और के स्पर्श से,सबका प्रेम मिलेगा गर कुछ न मिलेगा तो वो हूँ मैं मेरी मृत्यपरांत अकेली हो जाएंगी मेरी डायरियां ये सोच के सिहर जाती हूँ जला दी जाएंगी या रद्दी में तोल दी जाएंगी,कुछ न कर सकूंगी तो वो हूँ मैं ऋचा धर★ ©Richa Dhar

#कविता #Sad_Status  White मेरी असहाय डायरी✍🏼✍🏼✍🏼
**********************************

भोर होगा संध्या होगी इस सृष्टि में सब कुछ होगा
न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं
एक एक पन्ने पर उतरे हुए मेरे हृदय के उदगार
सब कुछ रहेगा कविता के रूप में,न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं 
शब्द शब्द असहाय होगें औंधे मुंह पड़े होंगे
डायरियों में दुपके पुकारेंगे, सब कुछ मिलेगा,पर न मिलूंगी तो वो हूँ मैं
मेरी असहाय डायरियां असहज महसूस करेंगी
किसी और के स्पर्श से,सबका प्रेम मिलेगा गर कुछ न मिलेगा तो वो हूँ मैं
मेरी मृत्यपरांत अकेली हो जाएंगी मेरी डायरियां ये सोच के सिहर जाती हूँ
जला दी जाएंगी या रद्दी में तोल दी जाएंगी,कुछ न कर सकूंगी तो वो हूँ  मैं

ऋचा धर★

©Richa Dhar

#Sad_Status असहाय डायरी

12 Love

White गुजर जाता था हर वक्त जिन दोस्तों के साथ आज उस वक्त का एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है तरस जाती है जिंदगी उन पलों को फिर से जीने की मगर ये जीवन उन पलों को वापस नहीं ला पाता है ©Shayar Samar S M

#Sad_Status  White गुजर जाता था
 हर वक्त जिन दोस्तों के साथ
आज उस वक्त का
 एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है
तरस जाती है जिंदगी 
उन पलों को फिर से जीने की
मगर ये जीवन
 उन पलों को वापस नहीं ला पाता है

©Shayar Samar S M

#Sad_Status शायर समर S M

14 Love

White युग बदलते रहे, बदलती रही तस्वीरें, ख्वाब बदल गए, और बदल गई तदबीरें, हर युग में ली जाती रही ,औरत की परीक्षाएं, हर युग में कुचल दी गई, औरत की आशाएं, उतरना होगा उसे समर में, निज अस्तित्व बचाने को, बचाना होगा दामन स्वयं, कृष्ण न आएगा बचाने को, कब तलक सहेगी वो ,इस व्यभिचार की दुनिया को, कब तक नहीं जन्मेगी वो, प्रतिकार की दुनिया को, उस दिन ये धरती भी , चित्कार कर उठेगी, ज़माने के समर में, ज़ब उसकी तलवार उठेगी, उठाएगी वो शमशीर, मिटाने धरा से अनाचार, बदल जायेगी उसकी दुनिया, ज़ब करेगी प्रतिकार, कब तक जलती रहेगी , परीक्षाओ की अग्नि में, समर भूमि भी हिल जाएगी, उसकी हुंकार की ध्वनि में।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिंदी #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल #समर  White 

युग  बदलते  रहे,  बदलती  रही  तस्वीरें,
ख्वाब बदल गए, और बदल गई तदबीरें,

हर युग में ली जाती रही ,औरत की परीक्षाएं,
हर युग में कुचल दी गई, औरत की आशाएं,

उतरना होगा उसे समर में, निज अस्तित्व बचाने को,
बचाना होगा दामन स्वयं, कृष्ण न आएगा बचाने को,

कब तलक सहेगी वो ,इस व्यभिचार की दुनिया को,
कब तक नहीं जन्मेगी वो, प्रतिकार की दुनिया को,

उस दिन   ये धरती भी , चित्कार   कर उठेगी,
ज़माने के समर में, ज़ब उसकी तलवार उठेगी,

उठाएगी वो शमशीर,  मिटाने धरा से अनाचार,
बदल जायेगी उसकी दुनिया, ज़ब करेगी प्रतिकार,

कब तक जलती रहेगी , परीक्षाओ की अग्नि में,
समर भूमि भी हिल जाएगी, उसकी हुंकार की ध्वनि में।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
#विचार

@Sam Singh प्रशांत की डायरी @Kumar Shaurya @Kumar Shaurya प्रशांत की डायरी @Sam Singh

234 View

#विचार

प्रशांत की डायरी @Sam Singh @Kumar Shaurya

225 View

#विचार

@moni @Ak.writer_2.0 @Adil khan प्रशांत की डायरी m.k

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White मेरी असहाय डायरी✍🏼✍🏼✍🏼 ********************************** भोर होगा संध्या होगी इस सृष्टि में सब कुछ होगा न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं एक एक पन्ने पर उतरे हुए मेरे हृदय के उदगार सब कुछ रहेगा कविता के रूप में,न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं शब्द शब्द असहाय होगें औंधे मुंह पड़े होंगे डायरियों में दुपके पुकारेंगे, सब कुछ मिलेगा,पर न मिलूंगी तो वो हूँ मैं मेरी असहाय डायरियां असहज महसूस करेंगी किसी और के स्पर्श से,सबका प्रेम मिलेगा गर कुछ न मिलेगा तो वो हूँ मैं मेरी मृत्यपरांत अकेली हो जाएंगी मेरी डायरियां ये सोच के सिहर जाती हूँ जला दी जाएंगी या रद्दी में तोल दी जाएंगी,कुछ न कर सकूंगी तो वो हूँ मैं ऋचा धर★ ©Richa Dhar

#कविता #Sad_Status  White मेरी असहाय डायरी✍🏼✍🏼✍🏼
**********************************

भोर होगा संध्या होगी इस सृष्टि में सब कुछ होगा
न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं
एक एक पन्ने पर उतरे हुए मेरे हृदय के उदगार
सब कुछ रहेगा कविता के रूप में,न रहेगा कुछ तो वो हूँ मैं 
शब्द शब्द असहाय होगें औंधे मुंह पड़े होंगे
डायरियों में दुपके पुकारेंगे, सब कुछ मिलेगा,पर न मिलूंगी तो वो हूँ मैं
मेरी असहाय डायरियां असहज महसूस करेंगी
किसी और के स्पर्श से,सबका प्रेम मिलेगा गर कुछ न मिलेगा तो वो हूँ मैं
मेरी मृत्यपरांत अकेली हो जाएंगी मेरी डायरियां ये सोच के सिहर जाती हूँ
जला दी जाएंगी या रद्दी में तोल दी जाएंगी,कुछ न कर सकूंगी तो वो हूँ  मैं

ऋचा धर★

©Richa Dhar

#Sad_Status असहाय डायरी

12 Love

White गुजर जाता था हर वक्त जिन दोस्तों के साथ आज उस वक्त का एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है तरस जाती है जिंदगी उन पलों को फिर से जीने की मगर ये जीवन उन पलों को वापस नहीं ला पाता है ©Shayar Samar S M

#Sad_Status  White गुजर जाता था
 हर वक्त जिन दोस्तों के साथ
आज उस वक्त का
 एक हिस्सा भी नहीं मिल पाता है
तरस जाती है जिंदगी 
उन पलों को फिर से जीने की
मगर ये जीवन
 उन पलों को वापस नहीं ला पाता है

©Shayar Samar S M

#Sad_Status शायर समर S M

14 Love

White युग बदलते रहे, बदलती रही तस्वीरें, ख्वाब बदल गए, और बदल गई तदबीरें, हर युग में ली जाती रही ,औरत की परीक्षाएं, हर युग में कुचल दी गई, औरत की आशाएं, उतरना होगा उसे समर में, निज अस्तित्व बचाने को, बचाना होगा दामन स्वयं, कृष्ण न आएगा बचाने को, कब तलक सहेगी वो ,इस व्यभिचार की दुनिया को, कब तक नहीं जन्मेगी वो, प्रतिकार की दुनिया को, उस दिन ये धरती भी , चित्कार कर उठेगी, ज़माने के समर में, ज़ब उसकी तलवार उठेगी, उठाएगी वो शमशीर, मिटाने धरा से अनाचार, बदल जायेगी उसकी दुनिया, ज़ब करेगी प्रतिकार, कब तक जलती रहेगी , परीक्षाओ की अग्नि में, समर भूमि भी हिल जाएगी, उसकी हुंकार की ध्वनि में।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिंदी #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल #समर  White 

युग  बदलते  रहे,  बदलती  रही  तस्वीरें,
ख्वाब बदल गए, और बदल गई तदबीरें,

हर युग में ली जाती रही ,औरत की परीक्षाएं,
हर युग में कुचल दी गई, औरत की आशाएं,

उतरना होगा उसे समर में, निज अस्तित्व बचाने को,
बचाना होगा दामन स्वयं, कृष्ण न आएगा बचाने को,

कब तलक सहेगी वो ,इस व्यभिचार की दुनिया को,
कब तक नहीं जन्मेगी वो, प्रतिकार की दुनिया को,

उस दिन   ये धरती भी , चित्कार   कर उठेगी,
ज़माने के समर में, ज़ब उसकी तलवार उठेगी,

उठाएगी वो शमशीर,  मिटाने धरा से अनाचार,
बदल जायेगी उसकी दुनिया, ज़ब करेगी प्रतिकार,

कब तक जलती रहेगी , परीक्षाओ की अग्नि में,
समर भूमि भी हिल जाएगी, उसकी हुंकार की ध्वनि में।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
#विचार

@Sam Singh प्रशांत की डायरी @Kumar Shaurya @Kumar Shaurya प्रशांत की डायरी @Sam Singh

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प्रशांत की डायरी @Sam Singh @Kumar Shaurya

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