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कधी कधी....🤷 कधी कधी वाटते व्हावे फुलपाखरू, 🦋 बागेत फिरताना स्वतःला कशी मग सावरू. कधी कधी वाटते व्हावे पक्षी, 🕊️ बंधन सारे मोडून फिरेन मोकळ्या आकाशी. कधी कधी वाटते व्हावे नदी, 🌊 प्रवाहाबरोबर वाहताना येईल ना मदतीला झाडाची फांदी. कधी कधी वाटते व्हावे डोंगर, ⛰️ मायेच्या कुशीत जवळ घेऊनी कोणी मारेल का फुंकर. कधी कधी या मनाच्या खेळात बरेच काही जाते वाटून, विचारांच्या वादळाने येतो मग कंठ दाटून. ©Mayuri Bhosale

#मराठीकविता #कधी  कधी कधी....🤷
कधी कधी वाटते व्हावे फुलपाखरू, 🦋
बागेत फिरताना स्वतःला कशी मग सावरू.
कधी कधी वाटते व्हावे पक्षी, 🕊️
बंधन सारे मोडून फिरेन  मोकळ्या आकाशी.
कधी कधी वाटते व्हावे नदी, 🌊
प्रवाहाबरोबर वाहताना येईल ना मदतीला झाडाची फांदी. 
कधी कधी वाटते व्हावे डोंगर, ⛰️
मायेच्या कुशीत जवळ घेऊनी कोणी मारेल का फुंकर.
कधी कधी या मनाच्या खेळात बरेच काही जाते वाटून, 
विचारांच्या वादळाने येतो मग कंठ दाटून.

©Mayuri Bhosale

#कधी कधी...

14 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"साधारण रण साधारण व्यक्तित्व,असाधारण रण असाधारण व्यक्तित्व." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

99 View

"वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना.. ©महेन्द्र सिंह (माही)

#विचार #samay  "वक्त किसी को देना भी तो बढी
कीमती दौलत हे,
देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे
देना..

©महेन्द्र सिंह (माही)

#samay "वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना

22 Love

White हे ईश्वर ……. अगर अंधेरा छा रहा हो जीवन में मेरे , तो रोशनी की एक किरण तुम बन जाना ! अगर अनजान राहों में गुम हो जाऊँ मैं कभी , तो मार्ग की एक दिशा तुम बन जाना ! अगर निराशा की काली परछाई घेर ले मुझे , तो आस का एक दीया तुम बन जाना ! अगर मंज़िल तक न पहुँच पाये मेरे कदम , तो सफलता की एक सीढी तुम बन जाना ! अगर सांसों की माला से बिखरे सब मोती , तो एक ‘नया जीवन’ तुम बन जाना ! ©Sonal Panwar

#कविता #nojotohindi #ishwar #prayer  White हे ईश्वर …….
अगर अंधेरा छा रहा हो जीवन में मेरे ,
तो रोशनी की एक किरण तुम बन जाना !
अगर अनजान राहों में गुम हो जाऊँ मैं कभी ,
तो मार्ग की एक दिशा तुम बन जाना !
अगर निराशा की काली परछाई घेर ले मुझे ,
तो आस का एक दीया तुम बन जाना !
अगर मंज़िल तक न पहुँच पाये मेरे कदम ,
तो सफलता की एक सीढी तुम बन जाना !
अगर सांसों की माला से बिखरे सब मोती ,
तो एक ‘नया जीवन’ तुम बन जाना !

©Sonal Panwar

हे ईश्वर.....🌹🌹🙏🏻🙏🏻✨✨ #ishwar #prayer #Poetry #nojotohindi

16 Love

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

180 View

दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

कधी कधी....🤷 कधी कधी वाटते व्हावे फुलपाखरू, 🦋 बागेत फिरताना स्वतःला कशी मग सावरू. कधी कधी वाटते व्हावे पक्षी, 🕊️ बंधन सारे मोडून फिरेन मोकळ्या आकाशी. कधी कधी वाटते व्हावे नदी, 🌊 प्रवाहाबरोबर वाहताना येईल ना मदतीला झाडाची फांदी. कधी कधी वाटते व्हावे डोंगर, ⛰️ मायेच्या कुशीत जवळ घेऊनी कोणी मारेल का फुंकर. कधी कधी या मनाच्या खेळात बरेच काही जाते वाटून, विचारांच्या वादळाने येतो मग कंठ दाटून. ©Mayuri Bhosale

#मराठीकविता #कधी  कधी कधी....🤷
कधी कधी वाटते व्हावे फुलपाखरू, 🦋
बागेत फिरताना स्वतःला कशी मग सावरू.
कधी कधी वाटते व्हावे पक्षी, 🕊️
बंधन सारे मोडून फिरेन  मोकळ्या आकाशी.
कधी कधी वाटते व्हावे नदी, 🌊
प्रवाहाबरोबर वाहताना येईल ना मदतीला झाडाची फांदी. 
कधी कधी वाटते व्हावे डोंगर, ⛰️
मायेच्या कुशीत जवळ घेऊनी कोणी मारेल का फुंकर.
कधी कधी या मनाच्या खेळात बरेच काही जाते वाटून, 
विचारांच्या वादळाने येतो मग कंठ दाटून.

©Mayuri Bhosale

#कधी कधी...

14 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"साधारण रण साधारण व्यक्तित्व,असाधारण रण असाधारण व्यक्तित्व." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

99 View

"वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना.. ©महेन्द्र सिंह (माही)

#विचार #samay  "वक्त किसी को देना भी तो बढी
कीमती दौलत हे,
देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे
देना..

©महेन्द्र सिंह (माही)

#samay "वक्त किसी को देना भी तो बढी कीमती दौलत हे, देना हे उपहार मुझे तो वक्त भेट में दे देना

22 Love

White हे ईश्वर ……. अगर अंधेरा छा रहा हो जीवन में मेरे , तो रोशनी की एक किरण तुम बन जाना ! अगर अनजान राहों में गुम हो जाऊँ मैं कभी , तो मार्ग की एक दिशा तुम बन जाना ! अगर निराशा की काली परछाई घेर ले मुझे , तो आस का एक दीया तुम बन जाना ! अगर मंज़िल तक न पहुँच पाये मेरे कदम , तो सफलता की एक सीढी तुम बन जाना ! अगर सांसों की माला से बिखरे सब मोती , तो एक ‘नया जीवन’ तुम बन जाना ! ©Sonal Panwar

#कविता #nojotohindi #ishwar #prayer  White हे ईश्वर …….
अगर अंधेरा छा रहा हो जीवन में मेरे ,
तो रोशनी की एक किरण तुम बन जाना !
अगर अनजान राहों में गुम हो जाऊँ मैं कभी ,
तो मार्ग की एक दिशा तुम बन जाना !
अगर निराशा की काली परछाई घेर ले मुझे ,
तो आस का एक दीया तुम बन जाना !
अगर मंज़िल तक न पहुँच पाये मेरे कदम ,
तो सफलता की एक सीढी तुम बन जाना !
अगर सांसों की माला से बिखरे सब मोती ,
तो एक ‘नया जीवन’ तुम बन जाना !

©Sonal Panwar

हे ईश्वर.....🌹🌹🙏🏻🙏🏻✨✨ #ishwar #prayer #Poetry #nojotohindi

16 Love

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

180 View

दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

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