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मेरी कलम मेरी सोच
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White उसकी अच्छाई याद रखूं या या गुस्सा देख दूर हो जाऊ समझ नहीं आ रहा अब किससे बात करूं और कौन समझेगा किसे बताऊ ©Jyotsana yadav
Jyotsana yadav
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ये चंचल मन अशांत सा रहता है, विचारों के अंबार लगाए रहता है। कभी ये सूरज की रोशनी की तरह, विचारों की ज्वालामुखी लाए रहता है तो कभी इस चांद की तरह शीतल सा रहता है।। ©Jyotsana yadav
15 Love
ख्यालों में गुम हो जो बैठे थे समय बीतते चला गया निष्कर्ष कुछ नहीं निकला जब ख्यालों से हकीक़त में आए तो फ़िर से सब कुछ पहले सा मिला ©Jyotsana yadav
14 Love
किताबों की समझ वही समझ पाया जिसने अपने जीवन में किताबों को अपनाया ज्ञान मिला जब इससे तब अच्छे बुरे का समझ आया ©Jyotsana yadav
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