कोई हमें हमसा नहीं मिलता
कोई हमें दिल से नहीं मिलता
मिलते तो है लोग हमसे मगर
कोई खुल के गले से नहीं मिलता
मोहब्बत छोडिये कोई हमसफ़र नहीं मिलता
अपनी आँखों में किसी का इंतज़ार नहीं मिलता
ना जाने कैसे जीते है लोग इस दुनिया में
हमे तो जीने का कोई बहाना नहीं मिलता
पहले मिलते थे लोग हस हस कर हम से
लेकिन, अब किसी को वक्त नहीं मिलता
अब जाकर ये एहसास हुआ है के
जब वक्त बुरा हो तो कोई नहीं मिलता
हमने लोगो से अब मिलना छोड़ दिया है, के
किसी का ख़याल अब उनके चेहरे से नहीं मिलता
खुद से बाते होती है फिर तनहा मैखाने में
जब कोई हमें हमखयाल नहीं मिलता
कुछ काम हो तो लोग याद करते है
युही कोई कभी हाल पूछने नहीं मिलता
आ जाते है लोग हमें दर्दो गम सुनाने
आजकल कोई बगैर किसी काम से नहीं मिलता
©Sanjiv F
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