मानव सभ्यता का इतिहास बहुत पुराना है , हम सभी जानते है कि आदमी और औरत का प्रादुर्भाव एक साथ हुआ , शारीरिक बनावट में थोड़ी भिन्नता है कुछ गुण मर्दों को तो कुछ विशेष गुण औरतों में बाट दिया गया बनाने वाले ने दोनों को इस तरह से बनाया की दोनो एक दूसरे के बिना पूर्ण न हो , शायद इसीलिए सनातन धर्म मे अर्धनारीश्वर को मान्यता दी गई ,सनातन धर्मशास्त्र में ऐसा माना जाता है कि धरा पर चौरासी लाख प्रकार के जीव निवास करते हैं और उन सब मे मानव सर्वश्रेष्ठ है ,लेकिन अफगानिस्तान के हाल देखने के बाद मुझे सर्वाधिक पीड़ा इस बात से हुई कि वहाँ के महिलाओं के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है , मर्द ! जिस औरत के तन से जन्म लेता है उसी औरत को भोग की वस्तु समझता है , किस तरह की होती है उनकी आत्माएं जो उन्हें ऐसा करने से रोकती नही , बर्बरता और पशुता में कोई अंतर नही होता , अगर ये सच है तो अफगानिस्तान में जितने भी तालिबानी है जो खुद को अल्लाह का रखवाला समझते है धर्म के ठेकेदार बने बैठे है वे पशु से अधिक कुछ नही है और जो इनका समर्थन कर रहा है वो भी पशु समान ही है , सौ बार लानत भेजता हूँ इनलोगो को !! ___S_S_R___
©SSR ZIDDI RAJPUT
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