मैं तेरे इश्क़ में खुद को भूला बैठा हूँ ,
दुनिया को छोड़ तुझे ही दुनिया मान बैठा हूँ ;
आगाज़ तो हो गया है अंजाम तक पहुंचना है !
तुझको पाना ही अपनी जिंदगी का मकसद मान बैठा हूँ !!
इश्क के लिए जीना है ,
इश्क़ के लिए मरना है ,
इश्क़ पे सबकुछ निसार है ,
मुझे इश्क़ में ही रहना है !!
सच ही तो कहते हैं ,
हर लगी से बढ़कर है दिल की लगी
खाक हो जाती है दुनिया ,
जब जब सुलगती है दिल्लगी
©SSR ZIDDI RAJPUT
#morningcoffee