मैं एक वाहियात लेखक बनने में लगा हूं मेरी कल्पनाएं और मेरे विचार आपको विचलित कर सकते हैं आप चाहो तो मुझसे दूरी बना सकते हैं। अब ये न पूछना कि ये अल्फाज़ कहाँ से लाता हूं,कुछ चुराता हूं दूसरों की,कुछ अपनी सुनाता हूं।। मेरे हिस्से प्रेम नहीं आया मेरे हिस्से आए वे लोग जिन्होंने मुझे प्रेम जैसी भावनाओं से दूर कर दिया ।। अब ये न पूछना कि ये अल्फाज़ कहाँ से लाता हूं,कुछ चुराता हूं दूसरों की,कुछ अपनी सुनाता हूं।। diwakarbharti03@gmail.com
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