Yashpal singh gusain badal'

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अपने अंतर्मन में झांको ! बहुत नाप चुके औरों को अब खुद को भी नापो !

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सफ़र उनको नही थी कोई खबर , हम न   समझे   उम्र   भर , जिंदगी      कटती      गयी , दिलबरी    के    नाम    पर । आधा सच ,आधा अमन, हमने    पाया   है    यहां, जिंदगी     लुटती     रही, हादसों   के    नाम    पर। ऐ चाँद ! कुछ तू ही बता , कितना   चाहा  है   उसे, हर  रोज ही  बिकते रहे , कौड़ियों    के   दाम पर । वे बातें वो शौक ए सफ़र, वो   दिल्लगी ,  आवारगी, आज    यादें   बन   गयीं , महफिलों   के  जाम  पर । रचना- यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal'

#कविता #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सफ़र 
उनको नही थी कोई खबर ,
हम न   समझे   उम्र   भर ,
जिंदगी      कटती      गयी ,
दिलबरी    के    नाम    पर ।

आधा सच ,आधा अमन,
हमने    पाया   है    यहां,
जिंदगी     लुटती     रही,
हादसों   के    नाम    पर।

ऐ चाँद ! कुछ तू ही बता ,
कितना   चाहा  है   उसे,
हर  रोज ही  बिकते रहे ,
कौड़ियों    के   दाम पर ।

वे बातें वो शौक ए सफ़र,
वो   दिल्लगी ,  आवारगी,
आज    यादें   बन   गयीं ,
महफिलों   के  जाम  पर ।


रचना- यशपाल सिंह बादल

©Yashpal singh gusain badal'

#SunSet सफ़र

23 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset प्रणय निवेदन तुम नहीं ! आप  कह  के बुलाया  होता ! बे वक़्त सोये दिल को न जगाया होता । दिल की कली फूटी थी तुझे जरा छूकर , काश !   तुमने  हाथ  न  बढ़ाया  होता । न जाने क्या-क्या ढूँढने लगी ,मैं खुद में , हाय ! दिल में ये दर्द ,ना जगाया  होता । सखियों से दूर रहने की ,खताँ मुझसे हुई , और तेरे रस्ते  पे सर  ,न  खपाया  होता । पहले ही ठीक थी मैं, दिल-खुश तबियत थी , यूँ   हँसते-हँसते  हमको  न  रुलाया   होता ! रातों   में    करवटें    मैंने   सौ-सौ    बदली , रह-रह   के   मुझको   यूँ   न  जगाया होता ; आना   न   था   तो  हमको    बताया होता ! या   मेरे   दिल   में  घर   न   बसाया  होता । रचनाकार -यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal'

#कविता #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset प्रणय निवेदन 
तुम नहीं ! आप  कह  के बुलाया  होता !
बे वक़्त सोये दिल को न जगाया होता ।
दिल की कली फूटी थी तुझे जरा छूकर ,
काश !   तुमने  हाथ  न  बढ़ाया  होता ।

न जाने क्या-क्या ढूँढने लगी ,मैं खुद में ,
हाय ! दिल में ये दर्द ,ना जगाया  होता ।
सखियों से दूर रहने की ,खताँ मुझसे हुई ,
और तेरे रस्ते  पे सर  ,न  खपाया  होता ।

पहले ही ठीक थी मैं, दिल-खुश तबियत थी ,
यूँ   हँसते-हँसते  हमको  न  रुलाया   होता !
रातों   में    करवटें    मैंने   सौ-सौ    बदली ,
रह-रह   के   मुझको   यूँ   न  जगाया होता ;

आना   न   था   तो  हमको    बताया होता !
या   मेरे   दिल   में  घर   न   बसाया  होता ।

रचनाकार -यशपाल सिंह "बादल"

©Yashpal singh gusain badal'

#SunSet

9 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जिंदगी जिंदगी जीना भी कोई आसान काम नहीं, बस कोशिश कीजिए, आसान हो जाएगी, बादल भी विचरते हैं आस्मां में, हल्के रहते हैं जबतक, गुमान बढ़ता है तो जमीं पे गिरते जाते हैं , जिंदगी भी चाहतों के बोझ से दब जाती हैं जब भी, उड़ान थम जाती है, पंख जवाब दे जाते हैं, फना तो होना ही है आख़िर, अमर रहा भी कौन?  वर्ना छोड़ कर जिंदगी,मरना कौन चाहता है। ©Yashpal singh gusain badal'

#कविता #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जिंदगी
जिंदगी जीना भी कोई आसान काम नहीं,

बस कोशिश कीजिए, आसान हो जाएगी,

बादल भी विचरते हैं आस्मां में, हल्के रहते हैं जबतक,

गुमान बढ़ता है तो जमीं पे गिरते जाते हैं ,

जिंदगी भी चाहतों के बोझ से दब जाती हैं जब भी,

उड़ान थम जाती है, पंख जवाब दे जाते हैं,

फना तो होना ही है आख़िर, अमर रहा भी कौन? 

वर्ना छोड़ कर जिंदगी,मरना कौन चाहता है।

©Yashpal singh gusain badal'

#SunSet जिंदगी

17 Love

Unsplash "तू और मैं " निकल रहे हैं यादों में तेरी, आंखों से मेरी, आंसूं के धारे । धुंधला सा आता नज़र है, तड़पता दिल और बहते अंगारे । घुले हुए हैं खामोशी में तेरी , सवाल  सारे ,जबाब  सारे, जिया हूँ जो पल शाने से लग कर,वही है दौलत पास हमारे, मर मिटे थे तुझ पे मेरे वो ख़याल सारे ,अल्फ़ाज़ सारे, तेरे आने से पहले, किये थे मैंने, रियाज सारे ,जबाब सारे , उसी जगह फिर खड़ी हूँ लेकर गुलाब सारे,ख्वाब सारे । ©Yashpal singh gusain badal'

#कविता #leafbook  Unsplash "तू और मैं "
निकल रहे हैं यादों में तेरी, आंखों से मेरी, आंसूं के धारे ।

धुंधला सा आता नज़र है, तड़पता दिल और बहते अंगारे ।

घुले हुए हैं खामोशी में तेरी , सवाल  सारे ,जबाब  सारे,

जिया हूँ जो पल शाने से लग कर,वही है दौलत पास हमारे,

मर मिटे थे तुझ पे मेरे वो ख़याल सारे ,अल्फ़ाज़ सारे,

तेरे आने से पहले, किये थे मैंने, रियाज सारे ,जबाब सारे ,

उसी जगह फिर खड़ी हूँ लेकर गुलाब सारे,ख्वाब सारे ।

©Yashpal singh gusain badal'

#leafbook तू और मैं

15 Love

White "सही वक्त" मैं कभी सही वक़्त पर बोलूंगा , जब मेरा वक़्त होगा, अभी बोलूंगा तो तुम कहोगे , क्या बकवास करते हो  ? मैं बेवजह उस पार नहीं जाऊंगा, लोग पूछेंगे कौन हो ,क्यों आये हो ? मैं वहां उस वक़्त पर जाऊँगा, जब लोग मुझसे पूछेंगे, अभी तक क्यों नही आये ? मैं अपने दुखड़ा नहीं रोऊंगा , किसी के भी सामने ! वर्ना लोग बोलेंगे , रोना इसकी आदत है ! मुझे चुप रहना है तब तक, जब तक मेरी एक छींक पर भी लोग पूछें ! आप ठीक तो हैं न ! ©Yashpal singh gusain badal'

#कविता #good_night  White           "सही वक्त"
मैं कभी सही वक़्त पर बोलूंगा ,

जब मेरा वक़्त होगा,

अभी बोलूंगा तो तुम कहोगे ,

क्या बकवास करते हो  ?


मैं बेवजह उस पार नहीं जाऊंगा,

लोग पूछेंगे कौन हो ,क्यों आये हो ?

मैं वहां उस वक़्त पर जाऊँगा,

जब लोग मुझसे पूछेंगे,

अभी तक क्यों नही आये ?


मैं अपने दुखड़ा नहीं रोऊंगा ,

किसी के भी सामने !

वर्ना लोग बोलेंगे , रोना इसकी आदत है !

मुझे चुप रहना है तब तक,

जब तक मेरी एक छींक पर भी लोग पूछें !

आप ठीक तो हैं न !

©Yashpal singh gusain badal'

#good_night सही वक़्त

21 Love

White दिखाएं किस-किस को ये बेगुनाही अपनी , उनकी ताकत से बड़े भी तो सबूत नहीं हैं मेरे ! यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal'

#शायरी #Sad_shayri  White दिखाएं  किस-किस को ये बेगुनाही अपनी ,

उनकी ताकत से बड़े भी तो सबूत नहीं हैं मेरे !
यशपाल सिंह बादल

©Yashpal singh gusain badal'

#Sad_shayri

14 Love

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