Archana pandeyji

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कवियित्री, भजन-गीत, कहानी लेखिका, ब्लॉगर, विचारक, चित्रकार, वादन, गायन का ज्ञान😊 साहित्यिक उपनाम-अर्चना'अनुपम क्रांति'

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White जिद संग जुनून; ले गए कर गए तन्हा सुकून; ले गए करके जिन्दगी तल्ख, महरूम, गुमराह.... तुम ना मिले तो चुन सके ना हम कोई हमराह...अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandeyji

#शायरी #Sad_Status  White जिद संग जुनून; ले गए
कर गए तन्हा सुकून; ले गए
करके जिन्दगी तल्ख,
महरूम, गुमराह....
तुम ना मिले तो चुन सके ना 
हम कोई हमराह...अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandeyji

#Sad_Status 'दर्द भरी शायरी'

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#नववर्ष2025 #कविता  स्वरचित
नववर्ष की शुभकामनाएं😊🙏

Kalam करम का हुनर... दिल अज़ीज 'बलम' छीन लेती हैं.... जिम्मेदारियां; 'कवि' से 'कलम' छीन लेती हैं... ✍️अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey

#कविता #kalam  Kalam  करम का हुनर...
दिल अज़ीज 'बलम'
छीन लेती हैं....
जिम्मेदारियां;
 'कवि' से 'कलम'
छीन लेती हैं...
✍️अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey

#kalam

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White 'किसान' पोषक हैं अपने शोषक के.. अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey

#किसान_पोषक #विचार  White 'किसान' पोषक हैं
अपने शोषक के..
अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey

White मासूम पुरुष-👇 पत्नी से लड़े तो! "माँ" ने कान भरे थे..... माँ पर अत्याचार किया तो! पक्का 'पत्नी' ने भड़काया होगा.. क्योंकि खुद की बुद्धि में तो भूसा भरा था.... अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey

#दिमाग_में_भूसा #विचार  White मासूम पुरुष-👇
पत्नी से लड़े तो!
 "माँ" ने कान भरे थे.....
माँ पर अत्याचार किया तो!
 पक्का 'पत्नी' ने भड़काया होगा..
क्योंकि खुद की बुद्धि में 
तो भूसा भरा था....
अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey

White जिनको मिलते रहते अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... ललक ही नहीं क्यों पुछकारें? "मंचो पर नहि आना जी" हम तो मन के मौजी हैं जो कहना वो कह देते हैं...... नहीं तुम्हारी तरह पढ़े पढ़ने लायक लिख देते हैं...... प्रतियोगिता का भाव नहीं फिर काहे 'सोर्स' लगाना जी? जिनको मिलते रहे हैं अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... (अर्चना'अनुपमक्रान्ति)🙏 ©Archana pandey

#कविता__तो_बस_शौक_है #कविता  White जिनको मिलते रहते अवसर 
उनको नहीं छुड़ाना जी......
ललक ही नहीं क्यों पुछकारें?
"मंचो पर नहि आना जी"
हम तो मन के मौजी हैं 
जो कहना वो कह देते हैं......
नहीं तुम्हारी तरह पढ़े 
पढ़ने लायक लिख देते हैं......
प्रतियोगिता का भाव नहीं
फिर काहे 'सोर्स' लगाना जी?
जिनको मिलते रहे हैं अवसर 
उनको नहीं छुड़ाना जी......
(अर्चना'अनुपमक्रान्ति)🙏

©Archana pandey
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