White जिनको मिलते रहते अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी.. | हिंदी कविता

"White जिनको मिलते रहते अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... ललक ही नहीं क्यों पुछकारें? "मंचो पर नहि आना जी" हम तो मन के मौजी हैं जो कहना वो कह देते हैं...... नहीं तुम्हारी तरह पढ़े पढ़ने लायक लिख देते हैं...... प्रतियोगिता का भाव नहीं फिर काहे 'सोर्स' लगाना जी? जिनको मिलते रहे हैं अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... (अर्चना'अनुपमक्रान्ति)🙏 ©Archana pandey"

 White जिनको मिलते रहते अवसर 
उनको नहीं छुड़ाना जी......
ललक ही नहीं क्यों पुछकारें?
"मंचो पर नहि आना जी"
हम तो मन के मौजी हैं 
जो कहना वो कह देते हैं......
नहीं तुम्हारी तरह पढ़े 
पढ़ने लायक लिख देते हैं......
प्रतियोगिता का भाव नहीं
फिर काहे 'सोर्स' लगाना जी?
जिनको मिलते रहे हैं अवसर 
उनको नहीं छुड़ाना जी......
(अर्चना'अनुपमक्रान्ति)🙏

©Archana pandey

White जिनको मिलते रहते अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... ललक ही नहीं क्यों पुछकारें? "मंचो पर नहि आना जी" हम तो मन के मौजी हैं जो कहना वो कह देते हैं...... नहीं तुम्हारी तरह पढ़े पढ़ने लायक लिख देते हैं...... प्रतियोगिता का भाव नहीं फिर काहे 'सोर्स' लगाना जी? जिनको मिलते रहे हैं अवसर उनको नहीं छुड़ाना जी...... (अर्चना'अनुपमक्रान्ति)🙏 ©Archana pandey

#कविता__तो_बस_शौक_है

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