White रात के साढ़े ग्यारह बजे उसका मैसेज आता था
कहती थी कब के सब सो गए
मैने पूछा तुम नहीं सोई
वो कहती थी, जग रही हु इनबॉक्स में झाक रही हु
जब तक तुम्हारा मैसेज नहीं आ जाता
जब तक तुम घर पहुंच नहीं जाते, खाना खाया नही बताते
तब तक रात ठहर नहीं जाती मुझको नींद नही आती
आज रात के साढ़े तीन हो गए, बात किए सोलह दिन हो गए
जिस्म से कब से गायब हु, घर से अब तक बाहर हु
आज भी रात को कुछ नही खाया ,घरवालों को झूठ बताया
बाइक रोक खड़ा हु, कब से इनबॉक्स में पड़ा हु
किस से बताऊं साढ़े ग्यारह पे मेरी सांसे रुक जाती है
मुझको रात रात तक अब नही आती है
©Praveen singhaniya (NPS)
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