માનવતા धड़कन धड़कन धरके धरके हम ने
दिल तेरे दिल से जोर लिया आंखों ने आंखे पढ़ पढ़ के
तुझे विरद बना के याद किया तुझे प्यार किया तो तू ही बता हमने क्या कोई जुर्म किया
और जुर्म किया है तो भी बता ये जुर्म के जुर्म की क्या है सजा....
-भरत
हमने जुगनू जुगनू करके तेरे मिलन के दीप जलाये है
हमने जुगनू जुगनू कर के तेरे मिलन के की दीप जलाये है
अखियों में मोती भर भर के तेरे हिज़्र में हाथ उठाये है
तेरे नाम के हर्फ़ की तस्बीह को सांसो के गले का हार किया
दुनिया भूली सिर्फ हा सिर्फ तुझे ही प्यार किया
~ B )-( /-\ ® /-\ t .......
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here