"માનવતા धड़कन धड़कन धरके धरके हम ने
दिल तेरे दिल से जोर लिया आंखों ने आंखे पढ़ पढ़ के
तुझे विरद बना के याद किया तुझे प्यार किया तो तू ही बता हमने क्या कोई जुर्म किया
और जुर्म किया है तो भी बता ये जुर्म के जुर्म की क्या है सजा....
-भरत"
માનવતા धड़कन धड़कन धरके धरके हम ने
दिल तेरे दिल से जोर लिया आंखों ने आंखे पढ़ पढ़ के
तुझे विरद बना के याद किया तुझे प्यार किया तो तू ही बता हमने क्या कोई जुर्म किया
और जुर्म किया है तो भी बता ये जुर्म के जुर्म की क्या है सजा....
-भरत