⚙️ मजदूर दिवस पर विशेष🔧
मैं देश की तकदीर हूँ,
आने वाले कल की तस्वीर हूँ,
कभी भूखे पेट सोता हूँ,
कभी दर्द से रात भर रोता हूँ,
मैं अपना हुनर औरों के नाम करता हूँ,
दिन रात मेहनत से काम करता हूँ,
कभी असम के चाय बागानों में,
पंजाब के खेत खलिहानों में,
हरियाणा के कारखानों में,
दिल्ली के दुकानों में,
गुजरात में करघा चलाता हूँ,
मरुस्थल में पछताता हूँ,
मेघालय का बादल आवारा हूँ,
मैं दक्षिण का मछुआरा हूँ,
जहाँ तक नज़र ले जाओगे,
हर जगह मुझे ही पाओगे,
जहाँ भी हूँ मजबूर हूँ मैं,
भाई! एक मजदूर हूँ मैं...।
✍️विनय कुमार सिंह
01/05/2020
#Experimentbinay
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