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art teacher, making carricature n cartoonist, write short stories n poem
White चल बुला कर उसे देखते है इक दफा... पीठ किए बैठे है वो सामने जाकर देखते है पता भूल गई है हवा मिरा रूह की खुशबू उड़ा कर देखते है इक दफा... ©Aftab Alan
Aftab Alan
11 Love
White इक शख्स मिरे जीने की दुआ कर गया और फिर अपनी ही राख मेरी हथेली में धर गया बात मुद्दत हो गई उनसे किए हुए वो शख्स तो... जाने कब का गया ©Aftab Alan
17 Love
White मैं नहीं बिका चूंकि कोई खरीदार न था कश्ती नहीं चलाई दरिया में मैने वहां कोई भंवर न था उठाता कैसे कब्रिस्तान से इक मुट्ठी मिट्टी... जबकि मैं अपनी ही कब्र पर उस वक्त जिंदा खड़ा था ©Aftab Alan
White मैं नहीं बिका चूंकि खरीदार न था कोई कश्ती नहीं चलाई दरिया में मैने वहां भंवर न था कोई उठाता कैसे कब्रिस्तान से इक मुट्ठी मिट्टी... जबकि मैं अपनी ही कब्र पर जिंदा खड़ा था ©Aftab Alan
12 Love
White ' अवसरवादी ' एक लघु कथा यहां दुकान चमकाने में सब माहिर है, कोई भी त्यौहार आए तो वो अवसरवादी बन जाते है, शहर में इक रोज वबा (बीमारी) फैली तो तमाम दुकानदारों ने अर्थी का समान बेचना शुरू कर दिया इंसानियत को दरकिनार करके ©Aftab Alan
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