payal singh

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वो पल सुकून का हो जब तुम मुझसे मेरा हाल पूछ लो, हर जवाब लिए बैठी हु बस तुम मुझसे कोई सवाल पूछ लो,,,,,, हो बनते बड़े अनजान मेरे हाल से जैसे कुछ खबर ना हो, तुम मुस्कुराए सुकून ए आलम गुजारो और हमें सबर ना हो,,,,,,,,, ©payal singh

 वो पल सुकून का हो जब तुम मुझसे मेरा हाल पूछ लो,
हर जवाब लिए बैठी हु बस तुम मुझसे कोई सवाल पूछ लो,,,,,,

हो बनते बड़े अनजान मेरे हाल से जैसे कुछ खबर ना हो,
तुम  मुस्कुराए सुकून ए आलम गुजारो और हमें सबर ना हो,,,,,,,,,

©payal singh

वो पल सुकून का हो जब तुम मुझसे मेरा हाल पूछ लो, हर जवाब लिए बैठी हु बस तुम मुझसे कोई सवाल पूछ लो,,,,,, हो बनते बड़े अनजान मेरे हाल से जैसे कुछ खबर ना हो, तुम मुस्कुराए सुकून ए आलम गुजारो और हमें सबर ना हो,,,,,,,,, ©payal singh

15 Love

किताब एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै, देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै, थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै, वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै, हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं, मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, पर देखो अब कैसा आलम आया, युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया, उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है, फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है, कोई बताओ इन युवा को समझाओ, किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, ©payal singh

#kitaab  किताब

एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै,

देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै,
थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै,

वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै,
हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं,
मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

पर देखो अब कैसा आलम आया,
युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया,
उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है,
फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है,

कोई बताओ इन युवा को समझाओ,
किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

©payal singh

#kitaab

15 Love

किताब एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै, देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै, थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै, वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै, हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं, मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, पर देखो अब कैसा आलम आया, युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया, उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है, फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है, कोई बताओ इन युवा को समझाओ, किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, ©payal singh

#kitaab  किताब

एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै,

देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै,
थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै,

वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै,
हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं,
मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

पर देखो अब कैसा आलम आया,
युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया,
उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है,
फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है,

कोई बताओ इन युवा को समझाओ,
किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

©payal singh

#kitaab

12 Love

किताब एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै, देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै, थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै, वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै, हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं, मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, पर देखो अब कैसा आलम आया, युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया, उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है, फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है, कोई बताओ इन युवा को समझाओ, किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ, क्योकि एक किताब हु मै, गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै, ©payal singh

#kitaab  किताब

एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै,

देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै,
थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै,

वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै,
हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं,
मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

पर देखो अब कैसा आलम आया,
युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया,
उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है,
फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है,

कोई बताओ इन युवा को समझाओ,
किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ,
क्योकि  एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,

©payal singh

#kitaab

16 Love

जुगनू जुगनू जैसे हो तुम, बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,, कभी अंधेरा कभी रौशनी नहीं. अंधेरों से निकली रौशनी हो तुम,, बचपन की तरह फिर तुम्हे अपनी मुट्ठी मे भर लू, कमलनदी बन ए जुगनू तेरे दिल मे घर लू,, जुगनू बिलकुल जुगनू जैसे हो तुम, बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,, मै भी हु कही इसका अहसास दिलाया तुमने, कभी अपनी पलकों,तो कभी अपनी बाहो मे सुलाया तुमने,, जो मै अपनी मुट्ठी खोलू, तू सारे ख्वाब लिए उड़ता जाए, मेरे चेहरे पर अपनी रौशनी सा मुस्कान बनकर खिलता जाए,, जंगनू बिलकुल जुगनू जैसे हो तुम, बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,, ©payal singh

#DiyaSalaai  जुगनू जुगनू जैसे हो तुम,
बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,,

कभी अंधेरा कभी रौशनी नहीं.
अंधेरों से निकली रौशनी हो तुम,,

बचपन की तरह फिर तुम्हे अपनी मुट्ठी मे भर लू,
कमलनदी बन ए जुगनू तेरे दिल मे घर लू,,

जुगनू बिलकुल जुगनू जैसे हो तुम,
बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,,

मै भी हु कही इसका अहसास दिलाया तुमने,
कभी अपनी पलकों,तो कभी अपनी बाहो मे सुलाया तुमने,,

जो मै अपनी मुट्ठी खोलू, तू सारे ख्वाब लिए उड़ता जाए,
मेरे चेहरे पर अपनी रौशनी सा मुस्कान बनकर खिलता जाए,,

जंगनू बिलकुल जुगनू जैसे हो तुम,
बोलो आखिर ऐसे कैसे हो तुम,,

©payal singh

#DiyaSalaai

12 Love

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे सबकुछ जाना हो आज, किसी अपने का कल आज आने वाला कल पैहचाना हो आज, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे पूरी किताब उनकी पढ़ी हो आज, भुत वर्तमान और भविष्य गढ़ी हो आज, मेरी बंद पलकों पर सारी जीवनी उनकी धरी हो आज, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, उनकी हर मुश्किलों के हल की खुदा से फरियाद करुँगी, मेरे सात दिन ना सही, उनके सात फेरो को आबाद करुँगी, खुशियाँ बिखरे उनके जीवन मे,इतनी शिद्दते अपने खुदा से बात करुँगी, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, हसीन है प्रेम जो दिल को कैद नही आजाद करता है, सर्द ठण्ड रातो मे किसी की मोहब्बते आवाज करता है, आँखो का सुकून है, राधे की मोहब्बत सा जूनून है ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, मैं एक नदी हु तो बस नदी सी बैहती जाउंगी, आप साथ चलो ना चलो मैं साथ रैहती जाउंगी, आपको ना सही मुझे तो प्रेम है बस ये कैहती जाउंगी ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे सबकुछ जाना हो आज, किसी अपने का कल आज आने वाला कल पैहचाना हो आज, ©payal singh

 ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
 जैसे सबकुछ जाना हो आज,
  किसी अपने का कल आज 
  आने वाला कल पैहचाना हो आज,
  
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
जैसे पूरी किताब उनकी पढ़ी हो आज,
भुत वर्तमान और भविष्य गढ़ी हो आज,
मेरी बंद पलकों पर सारी जीवनी उनकी धरी हो आज,

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
उनकी हर मुश्किलों के हल की खुदा से फरियाद करुँगी,
मेरे सात दिन ना सही, उनके सात फेरो को आबाद करुँगी,
खुशियाँ बिखरे उनके जीवन मे,इतनी शिद्दते अपने खुदा से बात करुँगी,

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
हसीन है प्रेम जो दिल को कैद नही आजाद करता है,
सर्द ठण्ड रातो मे किसी की मोहब्बते आवाज करता है,
आँखो का सुकून है, राधे की मोहब्बत सा जूनून है

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
मैं एक नदी हु तो बस नदी सी बैहती जाउंगी,
आप साथ चलो ना चलो मैं साथ रैहती जाउंगी,
आपको ना सही मुझे तो  प्रेम है बस ये कैहती जाउंगी

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
 जैसे सबकुछ जाना हो आज,
  किसी अपने का कल आज 
  आने वाला कल पैहचाना हो आज,

©payal singh

ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे सबकुछ जाना हो आज, किसी अपने का कल आज आने वाला कल पैहचाना हो आज, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे पूरी किताब उनकी पढ़ी हो आज, भुत वर्तमान और भविष्य गढ़ी हो आज, मेरी बंद पलकों पर सारी जीवनी उनकी धरी हो आज, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, उनकी हर मुश्किलों के हल की खुदा से फरियाद करुँगी, मेरे सात दिन ना सही, उनके सात फेरो को आबाद करुँगी, खुशियाँ बिखरे उनके जीवन मे,इतनी शिद्दते अपने खुदा से बात करुँगी, ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, हसीन है प्रेम जो दिल को कैद नही आजाद करता है, सर्द ठण्ड रातो मे किसी की मोहब्बते आवाज करता है, आँखो का सुकून है, राधे की मोहब्बत सा जूनून है ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, मैं एक नदी हु तो बस नदी सी बैहती जाउंगी, आप साथ चलो ना चलो मैं साथ रैहती जाउंगी, आपको ना सही मुझे तो प्रेम है बस ये कैहती जाउंगी ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग, जैसे सबकुछ जाना हो आज, किसी अपने का कल आज आने वाला कल पैहचाना हो आज, ©payal singh

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