किताब
एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
चंद घड़िया गुजारो संग मेरे, तुम्हारे जीवन भर का हिसाब हु मै,
देखो,जानो समझो मुझे, जहाभर के ज्ञान का लिबाज़ हु मै,
थामो हाथ मेरा, तेरे हर मुश्किल के हल की आवाज़ हु मै,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो तुम्हारे कई सवालों के जवाब हु मै,
वेद, शास्त्र,गीता हु, बाइबल, कुरान की फरमान हु मै,
हर महफ़िल हर भीड़ हर विद्वान से भी बुद्धिमान हु मै
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
मै मैहज़ एक कागज़ नहीं, कोई छपी काली लिखावट नहीं,
मै ज्ञानी का ज्ञान हु, उलझी सुलझी दुनिया की बनावट नहीं,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
पर देखो अब कैसा आलम आया,
युवा ने तो जैसे मुझे दरकिनार लगाया,
उंगलियों की टिप पर अब सारी जानकारी है,
फ़िरभी सबमे देखो अज्ञानता की बीमारी है,
कोई बताओ इन युवा को समझाओ,
किताब उठाओ, मुझसे प्यार बढ़ाओ,
क्योकि एक किताब हु मै,
गौर से देखो कई सवालों के जवाब हु मै,
©payal singh
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