ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
जैसे सबकुछ जाना हो आज,
किसी अपने का कल आज
आने वाला कल पैहचाना हो आज,
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
जैसे पूरी किताब उनकी पढ़ी हो आज,
भुत वर्तमान और भविष्य गढ़ी हो आज,
मेरी बंद पलकों पर सारी जीवनी उनकी धरी हो आज,
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
उनकी हर मुश्किलों के हल की खुदा से फरियाद करुँगी,
मेरे सात दिन ना सही, उनके सात फेरो को आबाद करुँगी,
खुशियाँ बिखरे उनके जीवन मे,इतनी शिद्दते अपने खुदा से बात करुँगी,
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
हसीन है प्रेम जो दिल को कैद नही आजाद करता है,
सर्द ठण्ड रातो मे किसी की मोहब्बते आवाज करता है,
आँखो का सुकून है, राधे की मोहब्बत सा जूनून है
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
मैं एक नदी हु तो बस नदी सी बैहती जाउंगी,
आप साथ चलो ना चलो मैं साथ रैहती जाउंगी,
आपको ना सही मुझे तो प्रेम है बस ये कैहती जाउंगी
ना जाने आज कुछ अलग सा है कुछ तो अलग,
जैसे सबकुछ जाना हो आज,
किसी अपने का कल आज
आने वाला कल पैहचाना हो आज,
©payal singh
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