White हम जला देते है रावण को ,
पर अंदर के रावण को जलाया ना,
जो प्रकृति का रोज हरण करे,
उसके खिलाफ शस्त्र उठाया ना,
क्रपट, बेईमानी, झूठ के साथ जीते,
कभी सचाई से रिश्ता हमने बनाया ना,
हम कैसे कहें कि राम भक्ति है,
कभी अंदर राम बिठाया ना,
कभी अंदर राम बिठाया ना
जगसीर राही
©ਜਗਸੀਰ ਜੱਗੀ ਰਾਹੀ
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here