हूं जो दूर अभी तुमसे,
कभी पास हुआ करता था।
ये जो वक़्त गई है
मुझको छोड़ कर
कभी बेवक्त हुआ करता था।
माना कि कुछ खामोशियों
कि जरूरत होती है।
लेकिन कभी इसी तन्हाई
में शोर हुआ करता था।
मैं रोता नहीं हूं अब किसी
और के यादों में,
जो कभी तेरी यादों में
तकियों को भिगोया करता था।
#Worldsmileday वो भीड़ में ना होती,
तो मैं तन्हा में ना होता।
उसे मोहब्बत ना होती,
तो मैं आशिक ना होता।
उसे शिकवा ना होती,
तो मेरा प्यार ना होता।
वो हाथ थामे रखती,
तो मैं जुदा ना होता।
मोहब्बत है फ़िर भी कसक सी है दिल में,
कुछ तू मुझमें होती, कुछ मैं तुझमें होता।
उल्फ़त
चलो डिजिटल युग,
में शोर मचाए...!
सिर्फ ऑनलाइन ही पेड़ लगाए,
अब तो सिर्फ यही बात होगी,
हक़ीक़त की थोड़े पड़ताल होगी।
वहीं पुरानी फोटो को..
आज फ़िर डीपी बनाए।
झूट-मुठ का पेड़ लगाए।
🏞️🌴🎋🌳
उल्फ़त
आज फ़िर तेरी ख्याल आया,
सुबह सुबह सपना बे मिसाल आया,
जो बाते कभी कहना था तुझको,
उन सब बातो का जवाब आया,
आज टूटी जो नींद मेरी,
मालूम नहीं फ़िर तेरी यादों
को लिए कुछ देर और सोने का
ख्याल आया।
कैसे और क्यों कही थी वो सब
बाते मुझसे
उस सब बातो का जवाब आया
तेरी वफ़ा के नकाब के पीछे छुपे हुए
एक बेवफा का मुलाक़ात आया
क्यों आ जाती हो मेरी सुबह
वाली यादों
क्यों आ जाती हो मेरी सुबह वाली यादों में
देखो अब पूरा दिन सिर्फ तेरा ख्याल आया।
चाहता हूं मै भी
तुझे अब भूलना
फिर भी तेरा याद बार बार आया।
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