Ritu Singh

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बज्जिकांचल की बेटी insta @ritussingh_ https://instagram.com/ritussingh_?igshid=OTJhZDVkZWE=

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#कविता #fathers_day  White सिर्फ स्वयं की तलाश में ही नही
वरन् परिवार और संतान के 
सुख की तलाश में
प्रायः पिता बन जाया करते हैं बुद्ध।
घर से दूर
अजनबियों के बीच
दिन रात अकेले संघर्ष करता तपस्वी
और परिवार के बीच
सामंजस्य बनाने की कोशिश में
शांत,स्थिर योगी ।
यकीनन 
पिता से बड़ा योद्धा कोई नहीं ।।

©Ritu Singh

#fathers_day

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लड़ाई हिंदुस्तानी -पाकिस्तानी होने की लड़ाई हिंदू- मुस्लिम होने की लड़ाई सवर्ण -दलित होने की लड़ाई आरक्षित- अनारक्षित होने की लड़ाई स्त्री -पुरुष होने की लड़ाई बंगाली,बिहारी,राजस्थानी,मराठी होने की । इंसान , कितने टुकड़ों में बँटोगे तुम, कितने टुकड़ों में बंँटेगा देश । रितु सिंह ©Ritu Singh

#कविता #Likho  लड़ाई हिंदुस्तानी -पाकिस्तानी होने की
लड़ाई हिंदू- मुस्लिम होने की
लड़ाई सवर्ण -दलित होने की
लड़ाई आरक्षित- अनारक्षित होने की
लड़ाई स्त्री -पुरुष होने की
लड़ाई बंगाली,बिहारी,राजस्थानी,मराठी होने की ।
इंसान ,
कितने टुकड़ों में बँटोगे तुम,
कितने टुकड़ों में बंँटेगा देश ।

रितु सिंह

©Ritu Singh

#Likho

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अच्छी लगती है रास्ते के किनारे स्कूल से लौटती हुई रंग - ओ - गुलाल से खेलती रंगी हुई स्वतंत्रता और समानता की प्रतीक प्यारी - सी लड़कियां उतना ही घृणित चौराहे पर लालच और हवस टपकाती आंखें ।। रितु सिंह ©Ritu Singh

#bajjikanchalkibeti #कविता #Holi  अच्छी लगती है
रास्ते के किनारे 
स्कूल से लौटती हुई 
रंग - ओ - गुलाल से खेलती
रंगी हुई
स्वतंत्रता और समानता की प्रतीक 
प्यारी - सी लड़कियां
उतना ही घृणित 
चौराहे पर लालच और हवस टपकाती आंखें ।।

रितु सिंह

©Ritu Singh

अपने ही होठों पर मुस्कान देखने को तरसे हम, जिंदा भी रहे और शमशान देखने को तरसे हम, ये मोहब्बत भी क्या कहर बन कर बरसा, कातिल की आंखों में ईमान देखने को तरसे हम ।। ©Ritu Singh

#NationalSimplicityDay #bajjikanchalkibeti #biharan_ritu #ritu_singh_  अपने ही होठों पर मुस्कान देखने को तरसे हम,
जिंदा भी रहे और शमशान देखने को तरसे हम,
ये मोहब्बत भी क्या कहर बन कर बरसा,
कातिल की आंखों में ईमान देखने को तरसे हम ।।

©Ritu Singh

फूल सरीखी कुछ लड़कियां इतनी कोमल होती है कि रास्तों में पड़े पत्थरों में भी देख लेती है खूबसूरती और चुनकर उन्हें घर तक ले आती है फिर घर के सबसे खूबसूरत कोने में रखती है संभालकर अमानत की तरह, पत्थरों को चुनते किसी रोज किसी मोड़ पर चुन लेती है वो अपने लिए पत्थर - सा ही एक प्रेमी और ढूंढ लेती है उनके हृदय की गहराइयों में छिपी संवेदनाएं, बारिश - सी ये लड़कियां बचाए रखती है प्रेम .....।। ©Ritu Singh

#bajjikanchalkibeti #biharan_ritu #ritu_singh_ #OneSeason  फूल सरीखी कुछ लड़कियां
इतनी कोमल होती है
कि रास्तों में पड़े पत्थरों में भी
देख लेती है खूबसूरती
और चुनकर उन्हें घर तक ले आती है
फिर घर के सबसे खूबसूरत कोने में
रखती है संभालकर
अमानत की तरह,
पत्थरों को चुनते किसी रोज
किसी मोड़ पर चुन लेती है 
वो अपने लिए
पत्थर - सा ही एक प्रेमी 
और ढूंढ लेती है 
उनके हृदय की गहराइयों में 
छिपी संवेदनाएं,
बारिश - सी ये लड़कियां
बचाए रखती है प्रेम .....।।

©Ritu Singh

सिर्फ स्वयं की तलाश में ही नही वरन् परिवार और संतान के सुख की तलाश में प्रायः पिता बन जाया करते हैं बुद्ध। घर से दूर अजनबियों के बीच दिन रात अकेले संघर्ष करता तपस्वी और परिवार के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिश में शांत,स्थिर योगी । यकीनन पिता से बड़ा योद्धा कोई नहीं ।। रितु सिंह ©Ritu Singh

#bajjikanchalkibeti #FathersDay2021 #biharan_ritu #ritu_singh_  सिर्फ स्वयं की तलाश में ही नही
वरन् परिवार और संतान के 
सुख की तलाश में
प्रायः पिता बन जाया करते हैं बुद्ध।
घर से दूर
अजनबियों के बीच
दिन रात अकेले संघर्ष करता तपस्वी
और परिवार के बीच
सामंजस्य बनाने की कोशिश में
शांत,स्थिर योगी ।
यकीनन 
पिता से बड़ा योद्धा कोई नहीं ।।
रितु सिंह

©Ritu Singh
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