कर दो प्रकाशित धरा को, श्री राम आए है
मनाओ त्यौहार स्वागत मे, श्री राम आए है
अन्याय एवं अमंगल पर कर के विजय प्राप्त
एक कठोर चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात
पूजनीय माँ सीता एवं भ्राता लक्ष्मण के साथ
अपने साधारण से वेश मे, श्री राम आए है
मनाओ त्यौहार, ह्रदय मे स्नेह के दीप जलाओ
मनाओ त्यौहार, श्री राम के चरित्र को समीप लाओ
उज्जवल करो चित को, त्याग करो अपकार का
शुद्ध करो आचरण को, मार्ग चलो उपकार का
हमारे अंदर जो भी अपावन है वो ही तो रावण है
श्री राम, विजयी हो कर उसपर, करते मन पावन है
इसलिए दीप जलाओ मन मे प्रेम के, भ्रातृत्व के
अन्याय और दुष्टता के विपरित सुदृढ़ कर्तव्य के
मनाओ त्यौहार जयकार के साथ, श्री राम आए है
जलाओ दीप उनके स्वागत मे, श्री राम आए है
©Sumit Sehrawat
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