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अरसे बाद जब हम होंगे तुम्हारे ही शहर में,, तुम मुझे देख कर धीरे से ठिठक जाना,,, मै अपनी मुलाकात मुकम्मल समझ लूंगा,,,,Dr.Ashq
जब इंसान बहुत खामोश हो जाए, और अपने हक के लिए भी ना बोले, तो समझ लेना कि वो अंदर ही अंदर बहुत कुछ दफन कर चुका है।। ©Dr.Ashish tripathi ashq
Dr.Ashish tripathi ashq
10 Love
ग़ज़ल उम्र लुटायी जा सकती है इक लम्हे पर, इक लम्हा ताउम्र चलाया जा सकता है, ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ तुमसे मिलकर इतनी तो उम्मीद हुई इस दुनिया में वक्त बिताया जा सकता है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ दिल सहरा मे सदियों से इक वीरानी है, तुम आओ तो शहर बसाया जा सकता है ©Dr.Ashish tripathi ashq
16 Love
नही है कोई दुःख तेरे बदल जाने का, बस अपने भरोसे पर शर्मिंदा हूं । ©Dr.Ashish tripathi ashq
15 Love
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कौन एक दिन में कितने आशिक मारेगा,, इश्क,जहर से शर्त लगाया करता था, ©Dr.Ashish tripathi ashq
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