बादल(बरखा)

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जय श्री राधे

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White दोस्ती चार दिन में नहीं होती किसी से एक जमाना लगता है रिश्तों की गहराई में जाने में.... ©बादल(बरखा)

#शायरी #love_shayari  White दोस्ती 
चार दिन में नहीं होती किसी से
एक जमाना लगता है 
रिश्तों की गहराई में जाने में....

©बादल(बरखा)

#love_shayari

13 Love

White लगता है सूरज भी आज कुछ उदास है कोई बहुत अपना ना उसके पास है ©बादल(बरखा)

#शायरी #GoodMorning  White लगता है सूरज भी आज कुछ उदास है
कोई बहुत अपना ना उसके पास है

©बादल(बरखा)

#GoodMorning खूबसूरत दो लाइन शायरी

13 Love

White टूट गए पंखे तो क्या ख्वाहिशों के परिंदे आज भी फड़फड़ाते है जो चले गए हमसे मूंह मोड़ कर वो लोग न जाने क्यों आज भी याद आते है.... ©बादल(बरखा)

#कविता #sad_quotes  White टूट गए पंखे तो क्या
ख्वाहिशों के परिंदे आज भी
फड़फड़ाते है
जो चले गए हमसे मूंह मोड़ कर
वो लोग न जाने क्यों
आज भी याद आते है....

©बादल(बरखा)

#sad_quotes कविता कोश कविताएं हिंदी कविता कविताएं कविता

13 Love

बातों का क्या, बातों में बातें निकल ही आती है... कुछ याद रह जाती हैं,कुछ भूली नहीं जाती हैं.... ©बादल(बरखा)

#शायरी #sadak  बातों का क्या, बातों में बातें निकल ही आती है...
कुछ याद रह जाती हैं,कुछ भूली नहीं जाती हैं....

©बादल(बरखा)

#sadak 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी शायरी शायरी हिंदी में खूबसूरत दो लाइन शायरी

14 Love

White यूं तो स्त्रियां सजाती संभालती है बनाती है ईंट पत्थर के मकान को घर संजोती है रिश्ते उसमे पकाती है खुशियों की मिठास गमों को मुस्कान के साथ विदा करके नहीं आने देती अपने घर पर कभी कोई आंच पर क्या सभी स्त्रियां ऐसी ही होती है बेशक नहीं.... कुछ ऐसी भी होती है जो कर देती है अपने ही घर को बंजर,नफरत के बीज बो कर शब्दों की बंदूक से वार करके डाल देती है हर रिश्ते में दरार उजाड़ देती है अपने ही घर की बगिया को करने देती है अपनी ही नींव को खोखला चंद दिखावों की दीमकों को क्यों आ जाती है वो सृजन से विनाश की और मिट्टी में मिला देती है,दो घरों की इज्जत अपने झूठे अहम और वहम की खातिर क्यों भूल जाती है वो अपना स्त्री होना क्यों भूल जाती हैं वो क्या होता है परिवार का होना क्यों करती है वो सब कुछ गलत करके भी रोना धोना क्या हो जायेगा उन्हें वो हासिल ऐसा करके जो वो चाहती है क्या उसके बाद उनके मन को संतुष्टि मिल पायेगी बिल्कुल नहीं ऐसी स्त्रियां मेरी नजर में न कभी खुद खुश रहेंगी और न किसी को खुश रख पाएंगी ©बादल(बरखा)

#कविता #sad_shayari  White यूं तो स्त्रियां सजाती संभालती है
बनाती है ईंट पत्थर के मकान को घर
संजोती है रिश्ते उसमे
पकाती है खुशियों की मिठास 
गमों को मुस्कान के साथ विदा करके 
नहीं आने देती अपने घर पर कभी कोई आंच 
पर क्या सभी स्त्रियां ऐसी ही होती है
बेशक नहीं....
कुछ ऐसी भी होती है जो कर देती है
अपने ही घर को बंजर,नफरत के बीज बो कर
शब्दों की बंदूक से वार करके
डाल देती है हर रिश्ते में दरार 
उजाड़ देती है अपने ही घर की बगिया को
करने देती है अपनी ही नींव को खोखला
चंद दिखावों की दीमकों को
क्यों आ जाती है वो सृजन से विनाश की और 
मिट्टी में मिला देती है,दो घरों की इज्जत 
अपने झूठे अहम और वहम की खातिर
क्यों भूल जाती है वो अपना स्त्री होना
क्यों भूल जाती हैं वो
क्या होता है परिवार का होना
क्यों करती है वो
सब कुछ गलत करके भी रोना धोना
क्या हो जायेगा उन्हें वो हासिल 
ऐसा करके जो वो चाहती है 
क्या उसके बाद उनके 
मन को संतुष्टि मिल पायेगी
बिल्कुल नहीं 
ऐसी स्त्रियां मेरी नजर में
न कभी खुद खुश रहेंगी
और न किसी को खुश रख पाएंगी

©बादल(बरखा)

#sad_shayari कविता कविता कोश कविताएं हिंदी कविता

11 Love

White जरा जल्दी में था वो मेरा दर्द बांट सके उसको इतनी फुरसत ना थी ©बादल(बरखा)

#शायरी #Sad_Status  White जरा जल्दी में था वो
मेरा दर्द बांट सके
उसको इतनी फुरसत ना थी

©बादल(बरखा)

#Sad_Status खूबसूरत दो लाइन शायरी

16 Love

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