PRADYUMNA AROTHIYA

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#अरोठिया #Lifelike #Festival #arothiya  Life Like यह हरियाली तीज का त्यौहार


पेड़-पौधे उजले-उजले, आई सावन की बहार।

बादल भी बरस रहे, देने प्रेम का उपहार।।

श्रावण-शुक्ल-तृतीया, यह हरियाली तीज का त्यौहार। 

शिव-पार्वती के मिलन का, यह वैवाहिक जीवन का त्यौहार॥

पैरों में बिछियाँ माथे पर बिंदिया, हरी चुनरी-हरा श्रृंगार। 

रचाकर हाथों में मेहंदी, करके सोलह श्रृंगार।।

खन-खन करतीं चूड़ियाँ, और पाजेबों की झंकार। 

नई सुहागन झूलों पर मंगलगीत गाये दो-चार।।

लगाकर पैरों पर आलता, सौभाग्य की कामना का उपहार।

श्रद्धा के पुष्पों में अर्पित, मधुर प्रेम का संसार।।

मायके से आया भईया, मेघों पर होकर सवार।

 सावन के त्यौहारों की, लेकर मीठी-मीठी बयार॥

शिव-पार्वती की महिमा का, फैला आशीर्वाद अपार। 

मनाओ खुशियां चारों ओर, यह हरियाली तीज का त्यौहार ॥

©PRADYUMNA AROTHIYA
#अरोठिया #शायरी #sad_shayari #Memories #arothiya #Song

White जिंदगी अनगिनत कहानियों में सदैव से गुथी हुए है, सायद इसलिए वह इतनी शिद्दत से अपने किरदारों को हर कहानी में पूर्ण पाती है... ©PRADYUMNA AROTHIYA

#अरोठिया #जिंदगी #विचार #sad_shayari #arothiya  White जिंदगी अनगिनत कहानियों में सदैव से गुथी हुए है, सायद इसलिए वह इतनी शिद्दत से अपने किरदारों को हर कहानी में पूर्ण पाती है...

©PRADYUMNA AROTHIYA
 हर कदम अपनों की
दुआएं हर ओर हैं
जिंदगी है जिंदगी
जिंदगी की ख्वाहिशें हर ओर हैं
टूटते हैं रिश्ते
काँच से भी नाजुक
उनके जुड़ने ख्वाब हर ओर हैं
कदम बढ़ते हैं
वक़्त बदलता है
बदलते मिजाज हर ओर हैं

©PRADYUMNA AROTHIYA

#samay #जिंदगी #कविता #अरोठिया #Nojoto #Hindi #arothiya

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 White कोई आवाज गूँजेगी

कोई दौड़ेगा यहाँ वहाँ

यूँ परदे गिराकर

वो चले जायेंगे...

फुरसत मिलेगी

वो घर लौट आएंगे

फिर परदा हटा

जब वो अंदर दृश्य देखेंगे

आँसू लिए 

वो फिर चले जायेंगे...

©PRADYUMNA AROTHIYA

#good_night #arothiya #अरोठिया #कविता #Nojoto #Hindi

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White तेज धूप में  जो पसीना पसीना गुजर रहा! एक उम्मीद शाम की लिए खुद से बेखर पत्थरों में टूट रहा!! जतन कितने भी मगर वो आसमान को जमीं से देख रहा! यही सच उसकी खुशी का तभी अंधेरों में रास्ते खोज रहा!! और फिर रोशनी भी इतनी  कि वो खुद को भी न देख रहा ! अपनों के पेट की खातिर हर पग कर्तव्य न उसका छूट रहा!! ©PRADYUMNA AROTHIYA

#आरोठिया #कविता #arothiya #Hindi #safar  White तेज धूप में 

जो पसीना पसीना गुजर रहा!

एक उम्मीद शाम की लिए

खुद से बेखर पत्थरों में टूट रहा!!

जतन कितने भी मगर

वो आसमान को जमीं से देख रहा!

यही सच उसकी खुशी का

तभी अंधेरों में रास्ते खोज रहा!!

और फिर रोशनी भी इतनी 

कि वो खुद को भी न देख रहा !

अपनों के पेट की खातिर

हर पग कर्तव्य न उसका छूट रहा!!

©PRADYUMNA AROTHIYA
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