Taransh

Taransh Lives in New Delhi, Delhi, India

'सिद्धहस्त कोई कवि नहीं मैं न ही कोई लेखक हूँ। बस भावप्रवणता मेरा रहबर और मैं उसका सेवक हूँ।।' फॉलो करने वाले मित्रगण कृपया नोटिफिकेशन बेल भी बजा दीजिए,ताकि आप तक फौरन पहुँच सके आपका दोस्त तारांश😊💐 🚶🌸घुमक्कड़ और फक्कड़ इंसान🚶🚶🚶 🏜️दिल और दिमाग के अंतर्द्वंद्व से परेशान एक शख़्स📖✍️❣️ . .आपको यहाँ प्योर कंटेंट मिलेगा हिंदी साहित्य का,आप अपना प्यार बरसाते रहे दोस्तों...Please do like and follow...keep reposting...love from the bottom of the heart...❣️❣️🌸🌸🤗

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थिरकन पे साँसों की अटकी है ज़िंदगी छोटी। ©तारांश

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साँसों की अटकी है
ज़िंदगी छोटी।
©तारांश

मौत के इंतज़ार में ज़िन्दगी... वाकई में ज़िन्दगी इतनी छोटी और कम समय के लिए मिलती है कि उसमें हिमालय जितने ख़्वाहिशों को पूरा करना नामुमकिन है।ज़िन्दगी बारिश की एक बूंद मात्र है,फ़र्ज़ कीजिये बारिश हुई और उसकी बून्द एक पेड़ के पत्ते पर गिरी।अब उसे ज़मीन पर टपकने में जितना वक़्त लगता है उतना ही समय हम भी जीते हैं।हमारा सारा संसार उसी बून्द के इर्द गिर्द रहता है।कई बार कोई बाह्य कारक आकर सहसा पेड़ की टहनी हिला जाता है और एक झटके में बून्द धरा पर गिरकर विलीन हो जाती है। आजकल भयावह बीमारियाँ वही 'बाह्य कारक' हैं जो सहसा आते हैं और हमारी पतंगरूपी जीवन की डोर को झटके में काटकर अपनों से दूर कर देते हैं।आपके पास चाहे लाख सुख-सुविधा और संसाधन क्यों न हो, आप उस डोर को कटने से नहीं बचा सकतें। ©तारांश

#अनुभव #nojotoenglish #nojotohindi #nojotonews #Barrier  मौत के इंतज़ार में ज़िन्दगी...

वाकई में ज़िन्दगी इतनी छोटी और कम समय के लिए मिलती है कि उसमें हिमालय जितने ख़्वाहिशों को पूरा करना नामुमकिन है।ज़िन्दगी बारिश की एक बूंद मात्र है,फ़र्ज़ कीजिये बारिश हुई और उसकी बून्द एक पेड़ के पत्ते पर गिरी।अब उसे ज़मीन पर टपकने में जितना वक़्त लगता है उतना ही समय हम भी जीते हैं।हमारा सारा संसार उसी बून्द के इर्द गिर्द रहता है।कई बार कोई बाह्य कारक आकर सहसा पेड़ की टहनी हिला जाता है और एक झटके में बून्द धरा पर गिरकर विलीन हो जाती है।
आजकल भयावह बीमारियाँ वही 'बाह्य कारक' हैं जो सहसा आते हैं और हमारी पतंगरूपी जीवन की डोर को झटके में काटकर अपनों से दूर कर देते हैं।आपके पास चाहे लाख सुख-सुविधा और संसाधन क्यों न हो, आप उस डोर को कटने से नहीं बचा सकतें।
©तारांश

डायरी का एक अंश... #Barrier #Death #diary #Hindi #Nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojotonews @Neha Pant Nupur @Devwritesforyou vishal kumar salvi @Yatin Khulbe (Calmyaab) Anshula Thakur @Anurag Rajput

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रोशनी की बाँहों में इक तीरगी देखी जीने की चाहत में मरती ज़िंदगी देखी ©तारांश

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जीने की चाहत में मरती ज़िंदगी देखी
©तारांश

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बिना वक़्त के जाने के बाद वक़्त-बेवक़्त आदमी कितना याद आता है,न? ©तारांश

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©तारांश
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