Sarita Malik Berwal

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मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#कविता  मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी 
हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी 
मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ 
मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ 
मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा 
मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

14 Love

ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#शायरी  ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं 
कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं
 
मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र
पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं

जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे
सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं

अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ 
कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

15 Love

समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal

#शायरी  समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा 
मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा 
पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा 
अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा

©Sarita Malik Berwal

समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal

9 Love

चाहे कर्म की टहनी पे झूठे फूल तुम रख लो फल तो यक़ीनन उसकी अदालत में मिलेंगे जीवन के बरगद के तने जानें कपट छल क्या जिस मिट्टी में उपजे हैं उसी सोहबत में मिलेंगे चुराई बूंद ने नज़रें तो फिर पत्थर हुई मिट्टी सावन के प्यासे खेत बग़ावत में मिलेंगे कहीं हो प्यार की सच्ची कहानी चंद अफ़साने वो बच्चे सी उसी मासूमदिल चाहत में मिलेंगे -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#जीवनकाबरगद #शायरी  चाहे कर्म की टहनी पे झूठे फूल तुम रख लो 
फल  तो  यक़ीनन  उसकी अदालत में मिलेंगे 

जीवन के बरगद के तने जानें कपट छल क्या 
जिस मिट्टी में उपजे हैं उसी सोहबत में मिलेंगे 

चुराई  बूंद ने  नज़रें तो फिर पत्थर हुई मिट्टी 
सावन  के प्यासे खेत  बग़ावत  में  मिलेंगे 

कहीं हो प्यार की सच्ची कहानी चंद अफ़साने 
वो बच्चे सी उसी मासूमदिल चाहत में मिलेंगे 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

बड़ी बेबाक़ होती है पसीने की अदा साहब सलीके में भी सबके हक़ का तेवर साथ चलता है जो ज़िंदा हैं ज़ुबाँ पर उनके जज़्बे की कहानी है महज़ यूं साँस लेने से कहाँ इतिहास बनता है -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#शायरी  बड़ी बेबाक़ होती है पसीने की अदा साहब
सलीके में भी सबके हक़ का तेवर साथ चलता है

जो ज़िंदा हैं ज़ुबाँ पर उनके जज़्बे की कहानी है
महज़ यूं साँस लेने से कहाँ इतिहास बनता है
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

बड़ी बेबाक़ होती है पसीने की अदा साहब सलीके में भी सबके हक़ का तेवर साथ चलता है जो ज़िंदा हैं ज़ुबाँ पर उनके जज़्बे की कहानी है महज़ यूं साँस लेने से कहाँ इतिहास बनता है -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

16 Love

#कविता

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