समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sar.
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