बड़ी बेबाक़ होती है पसीने की अदा साहब सलीके में भी सबके हक़ का तेवर साथ चलता है जो ज़िंदा हैं ज़ुबाँ पर उनके जज़्बे की कहानी है महज़ यूं साँस लेने से कहाँ इतिहास बनता है -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto