Ruchi Mishra

Ruchi Mishra

Short Story Writer, Poet, English Faculty

https://englisheclasses.com/

  • Latest
  • Popular
  • Video

ना करो हमें याद, की अब ये हिचकी रूकती नहीं, ना दिखो हमें गलियों में, की अब ये पलकें झुकती नहीं, पता है, गलती हमारी थी हम ही सरहदों में बंधे रहे, ना करो कोई फरियाद, की इन बंधनो से अब कोई मुक्ति नहीं ©Ruchi Mishra

#कविता #bandhan  ना करो हमें याद, की 
अब ये हिचकी रूकती नहीं,
ना दिखो हमें गलियों में, की 
अब ये पलकें झुकती नहीं,
पता है, गलती हमारी थी 
हम ही सरहदों में बंधे रहे,
ना करो कोई फरियाद, की 
इन बंधनो से अब कोई मुक्ति नहीं

©Ruchi Mishra

#bandhan

12 Love

फिर चली हवा जोर से, पेड़ हो गए जैसे नए कलियाँ शर्म से लाल हुईं, बादल हो गए गुम... हम चौखट पर खड़े-खड़े, रस्ता देखते रह गए न तो तुम्हारा खत आया, और न ही आये तुम... ©Ruchi Mishra

#शायरी #intzaar  फिर चली हवा जोर से, 
पेड़ हो गए जैसे नए 
कलियाँ शर्म से लाल हुईं, 
बादल हो गए गुम... 

हम चौखट पर खड़े-खड़े, 
रस्ता देखते रह गए 
न तो तुम्हारा खत आया, 
और न ही आये तुम...

©Ruchi Mishra

#intzaar

10 Love

At the last turn before my stop Saw a face and my heartbeat skips The heavy eyelids had a tear drop And some words blossomed on the lips "I still miss you a lot" Hearing this, my heart was in pain Here,I am waiting at the same spot And my love left me alone again ©Ruchi Mishra

#alone  At the last turn before my stop
Saw a face and my heartbeat skips
The heavy eyelids had a tear drop
And some words blossomed on the lips

"I still miss you a lot"
Hearing this, my heart was in pain
Here,I am waiting at the same spot
And my love left me alone again

©Ruchi Mishra

#alone

5 Love

मंजिल से पहले आखिरी मोड़ पर वो फिर एक बार मुझे मिल गए झुकी पलकों से नज़र भर मुझे देखा और होंठों पर कुछ शब्द खिल गए "तुम आज भी बहुत याद आते हो" यूँ कह कर वो ये दिल तोड़ गए हम आज भी उसी मोड़ पर खड़े हैं और वो हमें फिर से अकेला छोड़ गए ©Ruchi Mishra

#कविता #akela  मंजिल से पहले आखिरी मोड़ पर 
वो फिर एक बार मुझे मिल गए 
झुकी पलकों से नज़र भर मुझे देखा
और होंठों पर कुछ शब्द खिल गए 

"तुम आज भी बहुत याद आते हो"
यूँ कह कर वो ये दिल तोड़ गए 
हम आज भी उसी मोड़ पर खड़े हैं  
और वो हमें फिर से अकेला छोड़ गए

©Ruchi Mishra

#akela

5 Love

मुझे उसकी ही गुड़िया से खेलना था मुझे उसकी ही किताबों को पढ़ना था उसके जूते, उसकी बालियां, उसके कपडे ही पहन कर, कहीं भी निकलना था न मना किया, न कभी जिद पर अड़ी न रास्ते मे रोका, न कभी मुझसे लड़ी बस एक दिन सज सवर के रोते हुए मुझे अकेला छोड़, पिया के घर चल पड़ी अब किससे लड़ूँ , किससे शिकायतें करूँ ये चाहिए, वो चाहिए, भला अब किससे कहूँ ©Ruchi Mishra

#कविता #sister  मुझे उसकी ही गुड़िया से खेलना था 
मुझे उसकी ही किताबों को पढ़ना था 
उसके जूते, उसकी बालियां, उसके कपडे 
ही पहन कर, कहीं भी निकलना था 

न मना किया, न कभी जिद पर अड़ी 
न रास्ते मे रोका, न कभी मुझसे लड़ी  
बस एक दिन सज सवर के रोते हुए 
मुझे अकेला छोड़, पिया के घर चल पड़ी 

अब किससे लड़ूँ , 
किससे शिकायतें करूँ 
ये चाहिए, वो चाहिए, 
भला अब किससे कहूँ

©Ruchi Mishra

#sister

7 Love

#कविता #sunehriyaaden  भीगी यादों के 
सुनहरे मर्तबान को
ढक कर, 
बिस्तर के सिरहाने 
रख दिया है 

अब किस्मत में,
सुहानी शाम हो 
या अकेली भोर 
हमने इस पल को ही, 
जिंदगी का नाम दे दिया है

©Ruchi Mishra
Trending Topic