Nishchhal Neer

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#कविता #shayri #kavita #Yaden #gajal

जब मिलना हो खुद से तो.. प्रकृति से मिल लेता हूँ.. मन की मटमैली यादों को.. पानी से धो लेता हूँ.. निश्छल "नीर" #poetry #kavita #shayari #shayri #love #Prem #kavi #gajal #life #Yaden कविता कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता कोश

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#कविता #FathersDay #poem #pita  मैं भूलना चाहता हूं,
इस तारीख को,
क्यूंकि मेरे लिये आप,
आज भी यहीं हो।

मेरी निराशा में,
मेरे दोस्त बनकर,
मुझमें आशा,
भरने के लिये।

मेरी अनिद्रा में,
मुझे लोरी सुनाकर,
मीठी नींद में,
सुलाने के लिये।

मेरी थकान में,
कभी कुर्सी बनकर,
मुझे आराम,
देने के लिये।

आप सदैव मेरे साथ हो,
क्यूं याद रखूं मैं,
ये तारीख?

©Nishchhal Neer

#FathersDay #pita #poem #Poetry

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#कविता #happybirthday #LO√€ #wife #poem  कभी बिना कविता के,
प्रेम का इजहार क्यूं नहीं करते?
क्या हर भाव को,
कविता में पिरोना जरूरी है ?

हां जरूरी है,
क्यूंकि यही मेरे भावों का,
शुद्धतम रूप है।

जहां प्रेम न हो,
वहां कविता कैसे हो सकती है।
दोनों एक सिक्के के,
दो पहलू हैं।

फिर से माफ करना,
गूंथे हुए शब्दों को,
कहने के लिये,
आदत से मजबूर हूं।

तुम्हारे लिए सिर्फ,
कविता ही आती है जहन में,
शुद्धतम रूप,
मेरे जीवन का।

©Nishchhal Neer
#कविता #Pitaji_ka_pyar #FathersDay #attachment #Emotional #realsoul  बाहर कोलाहल, अंदर शांति,
बाहर गतिमान, अंदर स्थिरता,
दिमाग अनुभवी, मन बच्चा।

सीख रहा हूं मैं भी,
ऐसे रहना, जैसे रहते थे आप।

करता हूं आलिंगन आपका,
कभी पेड़ों को स्पर्श करके,
कभी सितारों को देखकर,
कभी कोई आपकी दी हुई,
किताब को पढ़ - कर।

करता हूं आपसे बात,
कभी झरने की कोलाहल सुनकर,
पुराने अखबारों को चुनकर,
और कभी कविता लिखकर।

मिलता हूं आपसे,
कभी मंदिरों में जा कर,
कभी कविता को गा कर,
कभी खुदको सहलाकर।

©Nishchhal Neer
#कविता #kavita #poem  
"तलाशता हूं सफर में, मुकम्मल ठहराव मिले,

जहां ठहरूं कुछ पल, बनालू कुछ यादें।

बस यूहीं चलता रहूं,

करता रहूं अजनबियों से बातें।"


मेरे सफर को खुशनुमा बनाने के लिए खेत मालिक का बहुत बहुत धन्यवाद। आपके दिए हुए प्याज को खाने से ज्यादा रखने का मन कर रहा था। उसमे आपका निस्वार्थ प्रेम जो मिला था।

क्षमा चाहता हूं फोटो लेना भूल गया। अगली बार यहां से गुजरा तो फिरसे जरूर मिलूंगा।
आपके द्वारा दिए गए प्रेम रूपी प्याज से आंखों में आसूं आ गए। प्रेम की मूर्ति को इस कुछ पल के ठहराव को यादगार बनाने के लिए, बहुत बहुत धन्यवाद।

निश्छल "नीर

©Nishchhal Neer

#kavita #Poetry #poem

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