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BeHappy #सितम ढाने लगे हैं अब तो आंसू भी आंखों से कतराने लगे हैं ग़म इस तरह हम अपना छुपाने लगे हैं कोई देता है ज़ख्म हर रोज इस तरह हमें ज़ख्म भी अब हमको पसंद आने लगे हैं नहीं मुझको अब ग़म दूर निकल जाने का पास आकर हीं भला क्या पाने लगे हैं दौर शिकायतों का ख़त्म होता नहीं कभी बात दिल पर ना लगा खुद को हीं समझाने लगे हैं कहां छोड़ आए हैं वो खुशियों का गुलदस्ता ये सोचकर अब बिखर जाने लगे हैं वो जो मिलते थे कभी बनकर अज़ीज़ बता कर मसरूफियत निकल जाने लगे हैं बची कितनी सांसें नहीं मालूम मुझे मगर सांसों पे अपने तरस खाने लगे हैं दूर कहीं से पूकार लेगा मुझे वो संगदिल ये सोचकर थोड़ा मुस्कुराने लगे हैं कदम उस और हीं बढ़ा लूं 'सुमन' हमपे साया हमारा सितम ढाने लगे हैं @सविता 'सुमन' सहरसा बिहार ©Savita Suman
Savita Suman
10 Love
White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman
14 Love
#बेटियां हथेली पर चांद रखने की तमन्ना रखती हैं हैं बेटियां तो घर हमारी जन्नत सी दिखती है खुशियों की वंदनवार है लगी हर जगह हंसी इनकी ऋचाओं सी हर जगह गुंजती है @सविता 'सुमन' ©Savita Suman
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