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ईश्वर की प्रदत्त रचना में एकल मैं भी हूँ। #प्रयागवाली...🌼
White वह प्रेम भी कैसा जिसके इजहार में विवाह की परिणति होती है। ©शिवानी त्रिपाठी
शिवानी त्रिपाठी
12 Love
White बादलों की तरह गरजते गुस्से को,बरसती बूंदों की तरह बहते आँसुओं को खामोश होकर समेट लो तुम बिल्कुल धरती की तरह। ©शिवानी त्रिपाठी
10 Love
White क्रोध से भी सच्चा भाव है संकोच क्योंकि क्रोध तो किंचित् अंशों में स्वयं को प्रमाणित भी कर लेता है परंतु संकोच स्वयं को प्रमाणित करने की अभिलाषा ही नहीं रखता। ©शिवानी त्रिपाठी
White कुछ लड़कियों के सपने में राजकुमार नहीं आते,उन्हें मात्र एक धुंधली-सी छाया को स्पष्ट रूप में देखने की चाह होती है जो एकदम 'साधारण' हो, बिल्कुल उन्हीं के जैसी...... ©शिवानी त्रिपाठी
15 Love
White कुछ प्रश्नों के उत्तर केवल आँसू होते हैं वो आँसू जिन्हें कभी प्रमाण नहीं देना पड़ता शब्दों से। वो आँसू जो स्वयं को समक्ष जताना नहीं चाहते,वो आँसू जो स्वयं को कहना नहीं जानते। ©शिवानी त्रिपाठी
11 Love
White कुछ बातें अधूरी रह जाती हैं,कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं,फिर क्या तुमने आसमान में आधा चाँद नहीं देखा? ©शिवानी त्रिपाठी
13 Love
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