शिवानी त्रिपाठी

शिवानी त्रिपाठी

ईश्वर की प्रदत्त रचना में एकल मैं भी हूँ। #प्रयागवाली...🌼

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White जीवन मे दो सबसे खूबसूरत भाव हैं किसी को किताब भेंट करना, किसी से किताब भेंट लेना। मैं इन दोनों भावों की ही अनुभव करना चाहती हूँ...... ©शिवानी त्रिपाठी

#विचार  White जीवन मे दो सबसे खूबसूरत भाव हैं किसी को किताब भेंट करना, किसी से किताब भेंट लेना।
मैं इन दोनों भावों की ही अनुभव करना चाहती हूँ......

©शिवानी त्रिपाठी

White जीवन मे दो सबसे खूबसूरत भाव हैं किसी को किताब भेंट करना, किसी से किताब भेंट लेना। मैं इन दोनों भावों की ही अनुभव करना चाहती हूँ...... ©शिवानी त्रिपाठी

11 Love

White जीवन में पहली बार मुझे किसी ने झुमके उपहार में दिये तो वह कोई प्रेमी नहीं बल्कि सहेली रही, जीवन में पहली बार मैंने किसी को जन्मदिन पर किताब भेंट की तो वह कोई प्रेमी नहीं बल्कि मित्र रहा, ऐसा जाने कितना कुछ अव्याख्यायित-सा जिसका निरूपण प्रेम तो नहीं कर सका,उसे मित्रता ने निरूपित किया। ©शिवानी त्रिपाठी

#मोटिवेशनल #GoodMorning  White जीवन में पहली बार मुझे  किसी ने झुमके उपहार में दिये तो वह कोई प्रेमी नहीं बल्कि सहेली रही,
जीवन में पहली बार मैंने किसी को जन्मदिन पर किताब भेंट की तो 
वह कोई प्रेमी नहीं बल्कि मित्र रहा,
ऐसा जाने कितना कुछ अव्याख्यायित-सा जिसका निरूपण 
प्रेम तो नहीं कर सका,उसे मित्रता ने निरूपित किया।

©शिवानी त्रिपाठी

#GoodMorning

16 Love

White कितना कुछ है जो कहा नहीं जा सकता ........ किसी की अनुपस्थिति किसी के प्रति अथाह प्रेम किसी की ईर्ष्या किसी का मौन मन पर दी गयी गहरी चोट निरन्तर खोते हुए लोग कितना कुछ है जो कहा नहीं जा सकता....... ©शिवानी त्रिपाठी

#कोट्स #love_shayari  White  कितना कुछ है जो कहा नहीं जा सकता ........
किसी की अनुपस्थिति
किसी के प्रति अथाह प्रेम
किसी की ईर्ष्या
किसी का मौन
मन पर दी गयी गहरी चोट
निरन्तर खोते हुए  लोग
कितना कुछ है जो कहा नहीं जा सकता.......

©शिवानी त्रिपाठी

#love_shayari

10 Love

सुनो कभी तुम्हारे प्रिय ने तुम्हारे मुख की अपेक्षा तुम्हारे सपनों की तुलना चमकते हुए चाँद से की? सुनो हमेशा तुमने ही अपने प्रिय को जाना या वह भी तुम्हें कितना समझ सका है, ये प्रश्न अबतक खड़ा है साथ तुम्हारे? सुनो कभी तुमने प्रिय को रिझाकर स्वयं पर आश्रित करने की अपेक्षा उसके अपने व्यक्तित्व संग नित चलायमान होने की अभिलाषा की? सुनो कभी तुमने अपने प्रिय के गुणों की अपेक्षा उसके अवगुणों को भी उसी अपनत्व के साथ स्वीकारा? सुनो कभी तुम्हारे प्रिय ने संग तुम्हारे कुल्हड़ भरी चाय पीते हुए देश के बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की? सुनो कभी तुमने अपने प्रिय को बड़े उपहारों की अपेक्षा एक छोटा-सा रुमाल भेंट करना चाहा जिसपर काढ़ा हो स्वयं तुमने एक किनारे पर छोटा-सा नाम उसका? सुनो कभी तुमने अपने प्रिय को व्हाट्सएप्प/फेसबुक की लास्ट-सीन में देखने की अपेक्षा हृदय के अंतस्तल में नित स्थिर और चलायमान होते पाया? ऐसे ढेरों प्रश्न जो तुमने कभी अपने प्रिय से और उसने तुमसे क्यों नहीं पूछा ये जानने को सोचा? सुनो तुमने........ ©शिवानी त्रिपाठी

#विचार #humantouch  सुनो कभी तुम्हारे प्रिय ने तुम्हारे मुख की अपेक्षा तुम्हारे सपनों की तुलना चमकते हुए चाँद से की?
सुनो हमेशा तुमने ही अपने प्रिय को जाना या वह  भी 
तुम्हें कितना समझ सका है,
ये प्रश्न अबतक खड़ा है साथ तुम्हारे?
सुनो कभी तुमने प्रिय को रिझाकर स्वयं पर आश्रित करने की अपेक्षा
उसके  अपने व्यक्तित्व संग नित चलायमान होने की अभिलाषा की?
सुनो कभी तुमने अपने प्रिय के गुणों की अपेक्षा उसके अवगुणों को
भी उसी अपनत्व के साथ स्वीकारा?
सुनो कभी तुम्हारे प्रिय ने संग तुम्हारे कुल्हड़ भरी चाय पीते हुए
देश के बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की?
सुनो कभी तुमने अपने प्रिय को बड़े उपहारों की अपेक्षा
एक छोटा-सा रुमाल भेंट करना चाहा
जिसपर काढ़ा हो स्वयं तुमने 
एक किनारे पर छोटा-सा नाम उसका?
सुनो कभी तुमने अपने प्रिय को व्हाट्सएप्प/फेसबुक की लास्ट-सीन
में देखने की अपेक्षा हृदय के अंतस्तल में
नित स्थिर और चलायमान होते पाया?
ऐसे ढेरों प्रश्न जो तुमने कभी अपने प्रिय से और उसने तुमसे
 क्यों नहीं पूछा
ये जानने को सोचा?
सुनो तुमने........

©शिवानी त्रिपाठी

#humantouch

15 Love

White किसी ने बताया मुझे वह स्त्री आभूषणों की भाँति पुरुष बदलती है, पर मुस्काते हुए उस स्त्री का कहना है वह क्षणिक प्रेम करती है, जिसके भविष्य के फेर में वह ना फिर पड़ती है, अपनी देह को अन्य की बाहों में आलिंगित कर उन देहों में जाने किसका प्रथम स्पर्श खोजती है, उस स्पर्श को उन देहों में न पाकर वह दूसरे देहों की ओर फिर से बढ़ जाती है, तुम उसे व्यभिचार कहो या वासना, ये सुनकर भी वह बड़े जोर से हँस पड़ती है, पहली बार प्रेम में मिले उस छल का बदला जाने किसकी -किसकी देहों से लेती है, हाँ!किसी ने बताया मुझे वह स्त्री आभूषणों की भाँति पुरुष बदलती है.... ©शिवानी त्रिपाठी

#विचार #sad_shayari  White किसी ने बताया मुझे वह स्त्री
आभूषणों की भाँति पुरुष बदलती है,
पर मुस्काते हुए उस स्त्री का कहना है
वह क्षणिक प्रेम करती है,
जिसके भविष्य के फेर में 
वह ना फिर पड़ती है,
अपनी देह को अन्य की बाहों में 
आलिंगित कर 
उन देहों में जाने किसका 
प्रथम स्पर्श खोजती है,
उस स्पर्श को उन देहों में न पाकर
वह दूसरे देहों की ओर फिर से बढ़ जाती है,
तुम उसे व्यभिचार कहो
या वासना,
ये सुनकर भी वह बड़े जोर से
हँस पड़ती है,
पहली बार प्रेम में मिले
उस छल का बदला जाने 
किसकी -किसकी देहों से लेती है,
हाँ!किसी ने बताया मुझे वह स्त्री
आभूषणों की भाँति पुरुष
बदलती है....

©शिवानी त्रिपाठी

#sad_shayari

13 Love

White अन्तस् ने कहा तुमने घृणा का नाम सुना है? मैंने कहा-तुमने विरक्ति का नाम सुना है? ©शिवानी त्रिपाठी

#मोटिवेशनल #good_night  White अन्तस् ने कहा तुमने घृणा का नाम सुना है?
मैंने कहा-तुमने विरक्ति का नाम सुना है?

©शिवानी त्रिपाठी

#good_night

11 Love

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