**एक अनमोल दोस्ती**
गाँव में एक छोटा सा लड़का, राजू, अपनी माँ के साथ रहता था। राजू बहुत ही मिलनसार और खुशमिजाज था, लेकिन उसके पास कोई खास दोस्त नहीं था। एक दिन, जब वह नदी के किनारे खेल रहा था, उसने एक चोटिल कुत्ते को देखा। कुत्ता बहुत कमजोर और डरा हुआ था।
राजू ने सोचा, "मुझे इसे बचाना चाहिए।" उसने कुत्ते को धीरे-धीरे अपने पास बुलाया और उसे खाना दिया। कुत्ता राजू के प्रति विश्वास जताने लगा और जल्द ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए। राजू ने उसे "बुद्धू" नाम दिया।
दिन बीतते गए, और बुद्धू हमेशा राजू के साथ रहता था। वे दोनों हर दिन नदी पर खेलते, खेतों में दौड़ते और एक-दूसरे के साथ समय बिताते। राजू ने बुद्धू की देखभाल की, और बुद्धू ने राजू को हर मुश्किल में समर्थन दिया।
एक दिन, गाँव में आग लग गई। सभी लोग डर गए और भागने लगे। राजू ने देखा कि उसकी माँ आग में फँस गई हैं। वह तुरंत दौड़कर घर की ओर गया, लेकिन रास्ता धुएँ से भरा हुआ था। बुद्धू ने राजू का हाथ पकड़ लिया और उसे सुरक्षित रास्ते की ओर ले गया।
राजू ने अपनी माँ को बचाया और गाँव वालों ने उनकी बहादुरी की तारीफ की। उस दिन राजू ने सीखा कि सच्ची दोस्ती में निस्वार्थता और साहस होता है। बुद्धू और राजू की दोस्ती और मजबूत हो गई, और वे हमेशा एक-दूसरे का साथ निभाते रहे।
इस तरह, एक चोटिल कुत्ता और एक नन्हा लड़का, दोनों ने मिलकर न केवल एक-दूसरे का जीवन बदल दिया, बल्कि सच्ची दोस्ती की एक अनमोल मिसाल भी पेश की।
©Pooja
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