White किस्मत का खेल
एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम रमेश था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी। वह खेतों में काम करता और जो कुछ भी कमाता, उसे अपने माता-पिता और छोटे भाई-बहनों के लिए खर्च कर देता।
एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला लगा। रमेश ने भी सोचा कि क्यों न एक बार मेला देखा जाए। वह अपनी छोटी सी बचत से कुछ पैसे लेकर मेला देखने गया। वहाँ बहुत सारी चीजें देखने को मिलीं, लेकिन एक झूला उसे बहुत आकर्षित किया। रमेश ने झूला झूलने का फैसला किया, लेकिन उसके पास उतने पैसे नहीं थे। वह बहुत ही सोच-विचार में था कि क्या करे।
तभी एक बूढ़ा आदमी उसके पास आया और बोला, "तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन मैं तुम्हें एक अवसर देता हूँ।" रमेश ने हैरान होकर बूढ़े आदमी की ओर देखा। बूढ़े आदमी ने कहा, "अगर तुम इस झूले को झूलने के बाद अपनी आँखें बंद करोगे और मन से एक दुआ करोगे, तो तुम्हारी किस्मत बदल सकती है।"
रमेश ने बिना किसी सोच के झूला झूला और फिर आँखें बंद करके अपनी दुआ माँगी। उसकी दुआ थी कि वह अपने परिवार को खुशहाल देखे और कभी भी पैसे की तंगी का सामना न करना पड़े। जैसे ही उसने आँखें खोलीं, देखा कि बूढ़ा आदमी गायब हो चुका था।
कुछ महीनों बाद, रमेश के खेत में एक नया खजाना मिला, जो किसी ने पहले कभी नहीं देखा था। रमेश और उसके परिवार का जीवन बदल गया। वह अब एक संपन्न किसान बन चुका था। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी किस्मत इतनी जल्दी बदल जाएगी।
आज भी रमेश यह कहानी अपने बच्चों को सुनाता है और बताता है कि मेहनत और ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है। साथ ही, वह यह भी याद दिलाता है कि कभी-कभी किस्मत भी अपनी भूमिका निभाती है, लेकिन मन में अच्छाई और मेहनत हो तो जीवन में हर कठिनाई आसान हो जाती है।
©Pooja
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