Ravi Gupta

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i m Ravi Gupta ✍️ from Agra I m scripts writer bollywood story and gazal shayri poem novel etc.. my number 9808449717

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जब उकता जाओ चमकीली दुनिया की दिखावट से उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से हर सवाल पर झूठ मूठ बताये गये अच्छे हाल से इर्द गिर्द बुने हुए मतलब के जाल से कथनी-करनी के अंतर से चापलूसी के मंतर से फिज़ूल की दौड़ से आपस की होड़ से नफ़रत के चलन से लोगों की जलन से रिश्तों के वार से वक़्त की मार से तब हमारे पास आना हम वो सरफिरे हैं जो दूसरों का दर्द अपने दिल में सजाते हैं जो नफ़रत के दौर में भी मुहब्बत का गीत गाते हैं जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं आना हमारे पास हम यहीं मिलेंगे एक उजली भोर थामे हुए इंसानियत की डोर थामे हुए ©Ravi Gupta

#Quotes  जब उकता जाओ 

चमकीली दुनिया की दिखावट से 
उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से 
हर सवाल पर झूठ मूठ
बताये गये अच्छे हाल से 
इर्द गिर्द बुने हुए 
मतलब के जाल से 

कथनी-करनी के अंतर से 
चापलूसी के मंतर से 
फिज़ूल की दौड़ से 
आपस की होड़ से 

नफ़रत के चलन से 
लोगों की जलन से 
रिश्तों के वार से 
वक़्त की मार से 

तब हमारे पास आना 

हम वो सरफिरे हैं 
जो दूसरों का दर्द 
अपने दिल में सजाते हैं 
जो नफ़रत के दौर में भी 
मुहब्बत का गीत गाते हैं

जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते 
जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते 
जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं 
जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं 

पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं 
दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं

आना हमारे पास 
हम यहीं मिलेंगे 
एक उजली भोर थामे हुए
इंसानियत की डोर थामे हुए

©Ravi Gupta

जब उकता जाओ चमकीली दुनिया की दिखावट से उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से हर सवाल पर झूठ मूठ बताये गये अच्छे हाल से इर्द गिर्द बुने हुए मतलब के जाल से कथनी-करनी के अंतर से चापलूसी के मंतर से फिज़ूल की दौड़ से आपस की होड़ से नफ़रत के चलन से लोगों की जलन से रिश्तों के वार से वक़्त की मार से तब हमारे पास आना हम वो सरफिरे हैं जो दूसरों का दर्द अपने दिल में सजाते हैं जो नफ़रत के दौर में भी मुहब्बत का गीत गाते हैं जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं आना हमारे पास हम यहीं मिलेंगे एक उजली भोर थामे हुए इंसानियत की डोर थामे हुए ©Ravi Gupta

17 Love

वो चांद थी 'मैं सिगरेट ! वो चमकती रही 'मैं सुलगता रहा... ©Ravi Gupta

#Quotes  वो चांद थी 'मैं सिगरेट !
वो चमकती रही 'मैं सुलगता रहा...

©Ravi Gupta

वो चांद थी 'मैं सिगरेट ! वो चमकती रही 'मैं सुलगता रहा... ©Ravi Gupta

12 Love

White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए ©Ravi Gupta

#sad_quotes #Quotes  White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए
ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए

पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी 
कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए

आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी
उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए

लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे
गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए

कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी
मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए 

उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है
विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए

वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी
दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए

जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना
उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए

©Ravi Gupta

#sad_quotes दोस्तों के साथ दुश्मनों को भी बुलाया जाएं

18 Love

White ये दुनियां की रवायत है। ये न बदली जाती है विधाता की लिखीं विधि किसी से न टाली जाती हैं। एक समय वो था जब माधव छोड़ गए थे राधा को। मगर आज हर कन्हिया को उसकी राधा छोड़ जाती हैं। ©Ravi Gupta

#Sad_Status #Quotes  White ये दुनियां की रवायत है।
ये न बदली जाती है
विधाता की लिखीं विधि किसी से न टाली जाती हैं।
एक समय वो था जब माधव छोड़ गए थे राधा को।
 मगर आज हर कन्हिया को उसकी राधा छोड़ जाती हैं।

©Ravi Gupta

#Sad_Status

11 Love

अब अपनी शख्सियत की भला मैं क्या मिसाल दूँ यारों, ना जाने कितने लोग मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते..!!✍️ ©Ravi Gupta

#Quotes  अब अपनी शख्सियत की भला मैं क्या मिसाल दूँ यारों,

ना जाने कितने लोग मशहूर हो गये,
मुझे बदनाम करते करते..!!✍️

©Ravi Gupta

अब अपनी शख्सियत की भला मैं क्या मिसाल दूँ यारों, ना जाने कितने लोग मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते..!!✍️ ©Ravi Gupta

13 Love

उसके बाद मैंने मुस्कुराना छोड़ दिया दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया वो ढूंढ रहा है जमाने में मुझसे बेहतर जिसके लिए मैंने ज़माना छोड़ दिया...l ©Ravi Gupta

#SAD  उसके बाद मैंने मुस्कुराना  छोड़ दिया

दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया 

वो ढूंढ रहा है जमाने में मुझसे बेहतर 

जिसके लिए मैंने ज़माना छोड़ दिया...l

©Ravi Gupta

उसके बाद मैंने मुस्कुराना छोड़ दिया दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया वो ढूंढ रहा है जमाने में मुझसे बेहतर जिसके लिए मैंने ज़माना छोड़ दिया...l ©Ravi Gupta

13 Love

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