Amit Tiwari

Amit Tiwari

senior process associate @ Cognizant ,but from the bottom of my heart a poet and story teller

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Unsplash जवानी में कमाई के कई आयाम गढ़ डाले .... फलसफे न जाने कितने हर शाम पढ़ डाले ... शिद्दत से इंतजार है कि फिर से दिन वही आए.. हम सब्जी से बचायें चार पैसे और घर आए.. खनक उन चार पैसों की दोबारा मिल नहीं पाई.. खुद के लाखों रुपयों में वो खनक ही नहीं आई.. ©Amit Tiwari

#बचपन_के_वो_दिन #कविता #बचपन #Book  Unsplash जवानी में कमाई के कई आयाम गढ़ डाले ....
फलसफे न जाने कितने हर शाम पढ़ डाले ...

शिद्दत से इंतजार है कि फिर से दिन वही आए..
हम सब्जी से बचायें चार पैसे और घर आए..

खनक उन चार पैसों की दोबारा मिल नहीं पाई..
खुद के लाखों रुपयों में वो खनक ही नहीं आई..

©Amit Tiwari
 White "एकतरफा मोहब्बत"
तुझे  चाहतों के दरमियान याद करूं...
या सिर्फ तेरी बात करूं....
जिंदगी के बर्बाद लम्हों को फिर कैसे आबाद करूं.....
तू जो कहती थी ... मुकरना नही आता मुझको ...
उन कसमों के फलसफों का कैसे आगाज करूं...
तुझे दुख हो... ये भी तो गवारा नहीं मुझको....
कैसे तुझे कोशू.....या तुझे नाराज करूं..
मुझे तो याद है ....तेरी आंखों की झीलों में डूब जाना 
अब तू ही बता कैसे .... उस सुखन को नाराज करूं।
तू दूर रहे ...या पास रहे .....चाहे तो नाराज रहे।
मेरे खायालों में ... खुशबू बनकर तेरे जज्बात रहे ।

©Amit Tiwari

#एकतरफा #मोहब्बत #loV€fOR€v€R #लव

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#कविता #सपना #kitaab #poem  सपना आया और टूट गया..
टूटा तो कष्ट हुआ ...

अब किस पर इल्जाम लगाऊं...
अपने पापों को पुण्य कहूं....
किसकी कमियां गिनवाऊं...

हर चेहरे में अवगुण ढूंढे,
हर चेहरा समझा दागी...
अपने चेहरे के दागों को नहीं देख मैं पाता..
 प्रिय बोलो दर्पण कहां छुपाता.....

सपना आया और टूट गया ....
टूटा क्योंकि .....सपना था 

ये दुनिया के गाजे बाजे ...
मुझको मुझ से ही बिसराते।

सहना अब मैं गमों का साया जैसे भूल गया ...
मां के आंचल में छुप कर के रोना भूल गया ....
दुनिया की इस चका चौंध में सोना भूल गया....
सपना आया .. भी एक सपना था .....
क्योंकि.......... मैं सोना भूल गया ।

©Amit Tiwari

#kitaab #सपना आया और टूट गया #poetry #poem

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#Kundan #लव  आईने तू इतराना छोड़ दे.....
मोहब्बत की गलियों में जाना छोड़ दे...
उसकी यादों को खुसबू ही काफी है ....
 ऐ इत्र..... तू..... महकाना छोड़ दे...
तेरी नजरों के जामों को.. क्या ही कहूं ?
ऐ शराब ............. तू मयखाना छोड़ दे....
उगता सूरज भी... झट से ढल जाए
अगर....... वो मुस्कुराना छोड़ दे ...

©Amit Tiwari

#Kundan&Zoya

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#शायरी #Kundan #bewfa  पीले कागज के पन्नों से लिपटे गुलाब ....
भूरे पत्तों की साखों से ...उधड़े ये ख्वाब..
हवा की नमी भी दे रही है खिताब....
चलो खोल दो अब पुरानी किताब...
जहां तुम थी..में था और था सन्नाटा....
सांसों में कशिश थी.... बातों में जवाब....
आज आंखों में है सिर्फ नमी बाकी....
बेखबर दूर तलक तैरती उदासी....
ना वो तुम हो ... न वो में हूं...
न वो वादे .. न वो कसमें..
वो वादे... जो वादे ही रहे...
वो कसमें....जो कसमें ही रहीं....
अब तो बस एक वादा कर दो आखिरी....... इक मुस्कुराहट की देना हाजिरी ..... इक मुस्कुराहट की देना हाजिरी.....

©Amit Tiwari

#Kundan&Zoya #love #bewfa

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दुनिया के लाखों पेड़ "गिलहरी" की देन है वह खुराक के लिए बीज जमीन में छुपा देती है और फिर भूल जाती है उस जगह को ... इसी तरह अच्छे कर्म करिए और भूल जाइए समय आने पर वो फलेंगे जरूर. ये पक्का है ©Amit Tiwari

#ज़िन्दगी #जिंदगी #विचार #lonely #Smile  दुनिया के लाखों पेड़ "गिलहरी" की देन है 
वह खुराक के लिए बीज जमीन में छुपा देती है और फिर भूल जाती है उस जगह को ...
इसी तरह अच्छे कर्म करिए और भूल जाइए 
समय आने पर वो फलेंगे जरूर. ये पक्का है

©Amit Tiwari
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